Monday, April 28, 2025
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ईरानी तेल पर अमेरिकी शिकंजा: 4 भारतीय कंपनियों पर लगी पाबंदी, जानिए पूरा मामला

अमेरिकी प्रतिबंधों की चपेट में आईं 4 भारतीय कंपनियां, जिन पर ईरानी तेल की बिक्री में मदद करने का आरोप है। जानिए इस फैसले का तेल कीमतों पर क्या असर पड़ेगा।

नेशनल ब्रेकिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में ईरान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाई है। इसी कड़ी में चार भारतीय कंपनियों को भी उनके प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है। इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने ईरान के कच्चे तेल की बिक्री में मदद की, जो अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन है।

भारतीय कंपनियों पर क्या हैं आरोप

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने बताया कि ये भारतीय कंपनियां वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद ईरानी तेल के व्यापार में सक्रिय रही हैं। इनमें ऑस्टेनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (नोएडा), बीएसएम मरीन लिमिटेड (गुड़गांव), कॉसमॉस लाइन्स (तंजावुर) और फ्लक्स मैरीटाइम (नवी मुंबई) शामिल हैं। इन कंपनियों पर ईरानी तेल के परिवहन और बिक्री में अहम भूमिका निभाने का आरोप है।

तेल की कीमतों पर असर

ईरान पर नए प्रतिबंधों के बाद वैश्विक तेल बाजार में हलचल देखी गई है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 75.16 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई, जबकि WTI क्रूड 71.17 डॉलर प्रति बैरल पर दर्ज किया गया। इस बढ़ोतरी की वजह वैश्विक तेल आपूर्ति में कमी की आशंका बताई जा रही है।

ईरान का तेल व्यापार और उसके ग्राहक

ईरान तेल निर्यातक देशों के समूह (OPEC) का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चीन, इराक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और तुर्की जैसे देश प्रमुख रूप से ईरानी तेल खरीदते हैं। हालांकि, भारत ने 2023 के बाद से ईरान से तेल आयात में भारी कमी की है।

ईरान पर प्रतिबंधों की वजह

अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। 2015 में हुए परमाणु समझौते को 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद ईरान पर ये प्रतिबंध और सख्त हो गए।

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