Monday, April 28, 2025
spot_img
Homeधर्म-संस्कृतिमां लक्ष्मी की कृपा पाने का अबूझ अवसर है अक्षय तृतीया, इस...

मां लक्ष्मी की कृपा पाने का अबूझ अवसर है अक्षय तृतीया, इस दिन खरीदा गया सोना जीवन में लाएगा सुख-समृद्धि

वैशाख मास की अक्षय तृतीया तिथि को हिन्दू समाज में एक अत्यंत पवित्र और अबूझ दिन के रूप में देखा जाता है। इस दिन कोई भी नया कार्य बिना किसी विशेष मुहूर्त के प्रारंभ किया जा सकता है। पारिवारिक खरीदारी हो, गृह प्रवेश, नया कारोबार शुरू करना हो या फिर विवाह संबंधी आयोजन—इस दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त माना गया है।

इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। पुराणों के अनुसार, इस दिन सोना खरीदने से घर में समृद्धि का स्थायी वास होता है, और यह आर्थिक रूप से शुभ माना जाता है।

सोना खरीदने का शुभ समय और पूजा का मुहूर्त

अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल की शाम 5:31 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:12 बजे तक मानी गई है। इस अवधि में 30 अप्रैल को सुबह 5:41 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक सोना खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा।

वहीं, पूजा-पाठ का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा, जिसमें घर में लक्ष्मी-स्मरण और वैभव कामना के साथ पूजन किया जाता है।

सोने का धार्मिक महत्व: समुद्र मंथन और पौराणिक प्रसंग

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब देवताओं और दैत्यों के बीच अमूल्य रत्न निकले, तब सोना भी उन्हीं दिव्य वस्तुओं में से एक था। यह विश्वास है कि भगवान विष्णु ने इसे धारण किया, जिसके कारण इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया। तभी से यह परंपरा जुड़ी कि अक्षय तृतीया और धनतेरस जैसे शुभ अवसरों पर सोना खरीदना धन-धान्य और देवी लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक है।

तिथि व्रत / पर्व
21 अप्रैलकालाष्टमी
24 अप्रैलवरुथिनी एकादशी
25 अप्रैलप्रदोष व्रत
26 अप्रैलमासिक शिवरात्रि
27 अप्रैलवैशाख अमावस्या
29 अप्रैलपरशुराम जयंती
30 अप्रैलअक्षय तृतीया, रोहिणी व्रत
01 मईवरद चतुर्थी
03 मईगंगा सप्तमी
05 मईबगलामुखी जयंती, दुर्गाष्टमी
06 मईसीता नवमी
08 मईमोहिनी एकादशी
09 मईप्रदोष व्रत, परशुराम द्वादशी
11 मईनृसिंह जयंती
12 मईबुद्ध पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा

वैशाख में स्नान, जलदान और तीर्थ यात्रा का महत्व

हिन्दू धर्मग्रंथों जैसे स्कंद पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण और महाभारत में वैशाख महीने में किए गए सूर्योदय पूर्व स्नान, जलदान, और तीर्थ यात्रा को विशेष पुण्यकारी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इन कार्यों से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन भी स्थापित होता है।

विशेषकर गंगा स्नान और गरीबों को जल व अनाज दान करने को इस माह में विशेष महत्व दिया गया है। यह समाज में सहयोग और करुणा की भावना को भी पुष्ट करता है।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक
  • 2025 में वैशाख मास हिंदू पंचांग के अनुसार व्रत और पर्वों से भरा हुआ है।
  • 21 अप्रैल को कालाष्टमी, तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण दिन।
  • 30 अप्रैल को मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जिसे अबूझ मुहूर्त कहा जाता है।
  • 05 मई को बगलामुखी जयंती और दुर्गाष्टमी एक साथ पड़ रही हैं।
  • 08 मई को मोहिनी एकादशी, विष्णु भक्ति के लिए प्रमुख व्रत।
  • 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा, भगवान बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाएगी।
अन्य खबरें