राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को झालावाड़ दौरे पर थीं, जहां रायपुर क्षेत्र में स्थानीय निवासियों ने उन्हें गंभीर पेयजल संकट की जानकारी दी। लोगों की बात सुनकर वे काफी नाराज हुईं और मौके पर ही अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। उनका गुस्सा इतना बढ़ा कि देर रात उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखे शब्दों में सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए।
एक्स पोस्ट में जताई तीखी नाराजगी
राजे ने अपनी पोस्ट में लिखा, “क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ अफसरों को ही लगती है। अफसर तृप्त हैं, लोग त्रस्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे।” यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
जल जीवन मिशन पर खड़े किए सवाल
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को मिले 42 हजार करोड़ रुपये का ज़िक्र करते हुए पूछा, “झालावाड़ के हिस्से की राशि का क्या किया गया?” उन्होंने कहा कि सरकार पैसा दे रही है, लेकिन योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं, जिससे आमजन को गर्मी में जल संकट झेलना पड़ रहा है।
अधिकारियों के जवाब से नहीं हुईं संतुष्ट
इस मौके पर अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह झा सहित कई अधिकारी मौजूद थे, लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इस पर राजे ने साफ कहा, “लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए, यहां ऐसा नहीं चलने दूंगी।”
सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह भी रहे साथ
इस दौरे में वसुंधरा राजे के साथ उनके पुत्र और झालावाड़-बारां से सांसद दुष्यंत सिंह भी शामिल रहे। उन्होंने कड़ोदिया गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन और मथानिया में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का उद्घाटन भी किया।

- वसुंधरा राजे ने झालावाड़ दौरे के दौरान रायपुर में भीषण पेयजल संकट की स्थिति का जायजा लिया।
- स्थानीय लोगों की शिकायतों पर उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई और सोशल मीडिया पर तीखा पोस्ट किया।
- उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं।”
- जल जीवन मिशन के तहत केंद्र द्वारा राजस्थान को दी गई 42 हजार करोड़ रुपये की राशि के उपयोग पर सवाल उठाया।
- उनके साथ झालावाड़-बारां के सांसद और पुत्र दुष्यंत सिंह भी मौजूद रहे, उन्होंने CHC और PHC भवनों का उद्घाटन भी किया।