मार्च में बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर के मामले बढ़ रहे हैं। इससे बचने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है और पानी की कमी से बचना चाहिए। वायरल फीवर के लक्षणों से बचने के लिए भीड़ से बचें, मास्क पहनें और डॉक्टर से सलाह लें।
नई दिल्ली. मार्च का महीना आ चुका है और इसके साथ ही मौसम में बदलाव भी महसूस होने लगा है। इस समय तापमान में उतार-चढ़ाव का असर शरीर पर दिखने लगता है। दिन में गर्मी और रात में ठंडक से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली जैसे शहरों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 20-25% तक वृद्धि देखी जा रही है, खासकर वायरल फीवर के कारण।
वायरल फीवर से जुड़ी सामान्य समस्याएं
वायरल फीवर में बुखार, सर्दी, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, थकान, सिरदर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह किसी भी तरह के वायरस, जैसे इन्फ्लूएंजा, डेंगू, चिकनगुनिया, हिपेटाइटिस, सर्दी-जुकाम वाले वायरस से हो सकता है। खासतौर पर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, जैसे कोरोना से प्रभावित लोग, उन्हें यह फीवर लंबे समय तक परेशान कर सकता है।
बदलते मौसम में वायरल फीवर से बचने के उपाय
इस मौसम में शरीर को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, चक्कर और थकान हो सकती है। इसके अलावा, मौसम में बदलाव से नींद भी प्रभावित हो सकती है। वायरल फीवर आमतौर पर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। कोविड नियमों का पालन करने और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी जाती है। मास्क पहनना और हाथों की सफाई रखना भी महत्वपूर्ण है।
वायरल फीवर से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें
- वायरल फीवर का इलाज विशेष दवाओं से नहीं होता, लेकिन गंभीर लक्षणों में डॉक्टर से मदद लें।
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें और एंटीबायोटिक से बचें।
- बीमार लोगों से संपर्क कम रखें और उनका ख्याल रखते समय कोविड नियमों का पालन करें।
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और मास्क का उपयोग करें।