मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में WAVES Summit 2025 की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण से हुई। ये समिट सिर्फ फिल्म या म्यूज़िक इवेंट नहीं है, बल्कि क्रिएटिविटी और इनोवेशन को दुनिया से जोड़ने वाला एक बड़ा मंच है। चार दिन तक चलने वाले इस इवेंट में 100 से ज्यादा देशों से कलाकार, इन्वेस्टर्स और policymakers जुटे हैं।
पीएम मोदी ने दिखाई भारत की क्रिएटिव ताकत
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी में नहीं, बल्कि आर्ट, म्यूज़िक, फिल्म और गेमिंग में भी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। उन्होंने ‘वैष्णव जन’ गीत का ज़िक्र करते हुए बताया कि इसे दुनिया के 500 लोगों ने गाया है—ये भारत की भावनात्मक और सांस्कृतिक पहुंच का सबूत है। उन्होंने इसे एक ‘वैश्विक लहर’ कहा, जो अब भारत से उठ रही है।
बॉलीवुड सेलेब्स ने जमाया रंग
दीपिका पादुकोण ने शाहरुख खान के साथ बातचीत में बताया कि इंडस्ट्री में बाहर से आने वालों के लिए अब हालात पहले से बेहतर हैं। उन्होंने अपने लुक की फोटो भी इंस्टाग्राम पर शेयर की। वहीं आलिया भट्ट ने महाराष्ट्र डे के मौके पर ट्रेडिशनल मराठी लुक अपनाया और कहा कि संस्कृति के साथ खुद को जोड़ना ज़रूरी है।
अक्षय कुमार और मोहनलाल की दिलचस्प बातचीत
अक्षय कुमार ने मलयालम सिनेमा को ‘इंटलैक्चुअल सोल’ कहा और मोहनलाल से पूछा कि आर्ट सिनेमा और मास सिनेमा साथ क्यों नहीं चल सकते। मोहनलाल ने जवाब दिया कि दोनों के बीच की लाइन पतली ज़रूर है, लेकिन जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि मलयालम फिल्मों में आर्ट और एंटरटेनमेंट दोनों का मेल देखने को मिलता है।
WAVES बना ग्लोबल आर्ट और इनोवेशन का सेंटर
PM मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत ने गेमिंग, म्यूज़िक और फिल्म में जो क्रिएटिव स्ट्रेंथ दिखाई है, वो अब ग्लोबल लेवल पर मानी जा रही है। WAVES समिट उसी का अगला कदम है, जो एक ऐसे इकोसिस्टम की नींव रखेगा जहां टैलेंट और इनोवेशन मिलकर आगे बढ़ेंगे।

- पीएम मोदी ने मुंबई में WAVES Summit 2025 का उद्घाटन किया, 100 देशों के लोग शामिल हुए।
- दीपिका पादुकोण और शाहरुख खान ने फिल्म इंडस्ट्री में आउटसाइडर्स की स्थिति पर चर्चा की।
- आलिया भट्ट ने महाराष्ट्र डे पर ट्रेडिशनल मराठी लुक में समिट में शिरकत की।
- अक्षय कुमार और मोहनलाल ने आर्ट बनाम मास सिनेमा पर दिलचस्प डायलॉग शेयर किया।
- पीएम मोदी ने WAVES को ग्लोबल क्रिएटिव प्लेटफॉर्म बताया और भारत की सांस्कृतिक शक्ति को सामने रखा।