रविवार, जून 15, 2025
spot_img
होमकाम की खबरबैंक डूबा तो क्या होगा आपके पैसे का, डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर बढ़ाने...

बैंक डूबा तो क्या होगा आपके पैसे का, डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर बढ़ाने पर विचार कर रही सरकार

सरकार DICGC कवर को बढ़ाने पर विचार कर रही है। जानें इससे जुड़ी पूरी जानकारी और आपके बैंक के लिए क्या है कवर।

नई दिल्ली. केंद्र सरकार, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) के तहत मिलने वाले इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, अगर कोई बैंक डूबता है या बंद होता है, तो ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक का कवर मिलता है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपए से अधिक की जा सकती है, जिससे ग्राहकों को और अधिक सुरक्षा मिलेगी।

DICGC के तहत वर्तमान इंश्योरेंस कवर

अभी DICGC के तहत बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में ग्राहकों को केवल 5 लाख रुपए तक का कवर मिलता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ग्राहक के बैंक में 10 लाख रुपए जमा हैं और बैंक डूबता है, तो ग्राहक को केवल 5 लाख रुपए का कवर मिलेगा। हालांकि, यदि ग्राहक के पास 4 लाख रुपए जमा हैं, तो उन्हें पूरी राशि का कवर मिलेगा। यह कवर ग्राहक से सीधे कोई प्रीमियम लिए बिना बैंक द्वारा दिए गए प्रीमियम से उपलब्ध होता है।

इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने की आवश्यकता क्यों?

हाल ही में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में अनियमितताएँ सामने आने के बाद ग्राहकों को बैंकों में पैसों की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। इससे पहले, पीएमसी बैंक, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के ग्राहकों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था। ऐसी स्थितियों में यदि इंश्योरेंस कवर बढ़ाया जाता है, तो लोग बैंक में जमा करने के लिए अधिक विश्वास करेंगे और बैंकिंग सिस्टम में भी ज्यादा स्थिरता आएगी।

कितने दिन में मिलेगा पैसा?

यदि बैंक दिवालिया होता है या मोरेटोरियम में चला जाता है, तो ग्राहक को 90 दिनों के भीतर उनकी जमा राशि वापस मिल जाएगी। पहले 45 दिनों में, प्रभावित बैंक को DICGC को खाताधारकों का विवरण भेजना होता है और अगले 45 दिनों में ग्राहक को उसकी जमा राशि मिल जाएगी।

DICGC से पैसे कैसे मिलते हैं?

जब कोई बैंक बंद या दिवालिया होता है, DICGC पहले बैंक से खाताधारकों की जानकारी प्राप्त करता है। फिर, DICGC बैंक को इंश्योरेंस राशि देती है, और बैंक इस राशि को ग्राहकों के अकाउंट में भेज देती है।

कौन-कौन से बैंक इस कवर के तहत आते हैं?

भारत में सभी प्रमुख वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंक और विदेशी बैंकों की शाखाओं को DICGC के तहत कवर किया जाता है।

कैसे पता करें कि आपका बैंक DICGC के तहत आता है?

DICGC, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर प्रदान करती है। किसी भी बैंक को रजिस्टर करते वक्त, DICGC द्वारा एक प्रिंटेड पर्चा दिया जाता है, जिसमें डिपॉजिटर्स को मिलने वाले इंश्योरेंस कवर की जानकारी होती है। यदि आपको इस संबंध में और जानकारी चाहिए, तो आप अपने बैंक की शाखा से पूछताछ कर सकते हैं।

अन्य खबरें