भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने मल्टी-इंफ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो पूरी तरह भारत में बनी और स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह माइन समुद्र के अंदर दुश्मन के जहाजों को बिना किसी चेतावनी के निशाना बनाने की क्षमता रखती है।
परीक्षण के दौरान कम मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया ताकि सभी सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। इस माइन की डिजाइनिंग और निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती दी गई है।
MIGM: समंदर में छिपे खतरे से निपटेगा
मल्टी-इंफ्लुएंस ग्राउंड माइन समुद्र की सतह के नीचे बिछाई जाती है और यह कई प्रकार की सूचनाओं जैसे चुंबकीय, ध्वनिक और दबाव आधारित संकेतों के आधार पर दुश्मन के जहाजों की पहचान करती है। जैसे ही कोई दुश्मन का पोत इसके प्रभाव क्षेत्र में आता है, यह माइन सक्रिय होकर निशाना साध सकती है।
यह तकनीक भारत को समुद्री सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाती है और हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की रणनीतिक मौजूदगी को और मजबूत करती है।
INS सूरत: समुद्री में भारतीय ताकत की नई परिभाषा
इसी महीने INS सूरत से नौसेना ने एक मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसमें एक छोटे लेकिन तेज़ी से बढ़ते टारगेट को समुद्र में सफलतापूर्वक नष्ट किया गया। यह युद्धपोत 164 मीटर लंबा है और इसका वजन करीब 7,400 टन है। इसकी अधिकतम गति 30 नॉट्स (करीब 56 किमी प्रति घंटा) तक है।
INS सूरत को अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस किया गया है, जिनमें ब्रह्मोस और बराक-8 मिसाइल शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें AI-बेस्ड सेंसर सिस्टम भी मौजूद है, जो युद्ध की परिस्थितियों में तेज़ निर्णय लेने में मदद करता है।
पीएम मोदी की रक्षा तैयारियों पर लगातार बैठकें
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की है। इसके पहले वे वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी से भी मुलाकात कर चुके हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन बैठकों में देश की युद्ध तैयारियों पर चर्चा हुई। एयरफोर्स प्रमुख ने प्रधानमंत्री को बताया कि भारतीय वायुसेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है, खासकर पश्चिमी सीमा पर जहां डिफेंस नेटवर्क पूरी तरह सक्रिय है और राफेल लड़ाकू विमान भी मुस्तैद हैं।

- भारतीय नौसेना और DRDO ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी मल्टी-इंफ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण किया है।
- इस अत्याधुनिक माइन का उपयोग समुद्र में दुश्मन के जहाजों को पहचानकर उन्हें चुपचाप नष्ट करने के लिए किया जाएगा।
- टेस्टिंग के दौरान कम विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया गया, ताकि सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा सके।
- इससे पहले 24 अप्रैल को नौसेना ने INS सूरत से समुद्र में एक टारगेट पर मिसाइल फायर कर सफलता पाई थी।
- प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में वायुसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और रक्षा सचिव से मिलकर देश की युद्ध तैयारियों और रक्षा क्षमताओं की समीक्षा की।