अजमेर के आशापुरा वैशाली नगर में एक परिवार ने अपने बछड़े ‘गणेश’ का जन्मदिन धूमधाम से मनाकर अनोखी मिसाल पेश की है। परिवार ने घर को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया और खास तौर पर लापसी से बना केक तैयार किया। जन्मदिन समारोह में आसपास के लोग भी शामिल हुए और सभी ने मिलकर गणेश को नए कपड़े पहनाए और केक खिलाया।
बछड़े की मां को बीमार हालत में लाए थे घर
इस अनोखी परंपरा की शुरुआत तब हुई जब परिवार की मुखिया शकुंतला चौहान पुष्कर की सिद्धेश्वर गौशाला से बीमार हालत में गाय ‘गौरी’ को अपने घर लाई थीं। परिवार ने गौरी की सेवा की और कुछ समय बाद उसने बछड़े ‘गणेश’ को जन्म दिया। तभी से गणेश इस परिवार का अहम हिस्सा बन गया है।
परिवार के साथ पल रहा है बछड़ा, सोफे और पलंग पर करता है आराम
परिवार के मुखिया राजेंद्र सिंह ने बताया कि गणेश सिर्फ एक बछड़ा नहीं, बल्कि उनका बेटा है। वह घर में पूरी आज़ादी से रहता है—कभी सोफे पर बैठता है, तो कभी पलंग पर लेट जाता है। परिवार का मानना है कि गायों के घर में रहने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
स्थानीय पार्षद ने की हर घर में गाय पालने की अपील
इस समारोह में स्थानीय पार्षद धर्मेंद्र सिंह चौहान भी शामिल हुए। उन्होंने परिवार को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि हर घर में गाय पालने की परंपरा होनी चाहिए। उन्होंने आवारा बैलों को चारा खिलाने और गौसेवा को बढ़ावा देने की भी अपील की।

- अनोखी परंपरा: अजमेर के आशापुरा वैशाली नगर में एक परिवार ने गाय के बछड़े ‘गणेश’ का जन्मदिन धूमधाम से मनाया, जिससे पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है।
- खास लापसी केक: परिवार ने घर को गुब्बारों से सजाया और गणेश के लिए ड्राई फ्रूट्स से भरपूर लापसी केक तैयार किया, जिसे सभी ने मिलकर खिलाया।
- गाय की देखभाल: मकान मालिक राजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी शकुंतला चौहान ने बीमार गाय ‘गौरी’ को बचाया था, जिसने बाद में बछड़े गणेश को जन्म दिया।
- परिवार का हिस्सा: गणेश घर में सोफे और पलंग पर आराम करता है, परिवार का सदस्य बन चुका है और उसकी देखभाल विशेष रूप से की जाती है।
- सामाजिक संदेश: स्थानीय पार्षद ने कार्यक्रम में भाग लिया और हर घर में गाय पालने की परंपरा को बढ़ावा देने की अपील की।