देश की सेना का शौर्य और पराक्रम पूरी दुनिया में सम्मान का विषय है, लेकिन हाल के दिनों में यही शौर्य सियासत की तलवार पर झूल रहा है। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से लेकर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव तक, राजनीतिक बयानबाज़ी ने हालात को और पेचीदा बना दिया है। सेना के सम्मान पर इस तरह के विवादित शब्दों ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है।
‘प्रधानमंत्री के चरणों में सेना’? देवड़ा के बयान से कांग्रेस का विरोध तेज
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने हाल ही में एक बयान में कहा, “देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं।” यह बयान सामने आते ही कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और मांग की कि देवड़ा को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। हालांकि देवड़ा ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनका आशय सेना के पराक्रम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देने का था, लेकिन तब तक यह बयान राजनीतिक बवंडर बन चुका था।
विजय शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के बयान पर पहले ही विवाद गहराया हुआ था। सेना की अफसर कर्नल सोफिया पर की गई टिप्पणी के चलते उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है जहां एक याचिका में कहा गया है कि विजय शाह ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है और देश की संप्रभुता को चोट पहुंचाई है। अदालत अब सोमवार को इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
रामगोपाल यादव का जातिसूचक बयान, यूपी में गरमाई सियासत
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने मंच से कहा कि “व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं…” इस जातिसूचक टिप्पणी को लेकर विहिप ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए केस चलाने की मांग की है। बीजेपी और बीएसपी ने इस बयान को दलित विरोधी और सेना की अफसर के प्रति अपमानजनक बताया है।
राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामगोपाल यादव की टिप्पणी को “विकृत जातिवादी सोच” बताते हुए कहा कि “सेना की वर्दी को जाति के चश्मे से नहीं देखा जाता।” मायावती ने भी इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि सेना को जातियों में बांटना गंभीर और निंदनीय है। वहीं सपा की तरफ से सफाई आई कि यादव का आशय बीजेपी के दोहरे रवैये की ओर इशारा करना था, न कि विंग कमांडर का अपमान करना।
सरकारी कार्यक्रमों से हटाई गई मंत्री की तस्वीरें
विवाद के चलते विजय शाह को लेकर बीजेपी अंदरूनी तौर पर सतर्क नजर आ रही है। हाल ही में इंदौर के एक सरकारी कार्यक्रम में विजय शाह की तस्वीर हटा दी गई और उसकी जगह पीएम मोदी की तस्वीर लगा दी गई। हालांकि अभी तक पार्टी ने कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की है।
हर दिन बढ़ रही विवादित बयानों की फेहरिस्त
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बड़ी बहस को जन्म दिया है कि क्या सेना जैसी संस्था, जो राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देती है, राजनीतिक बयानों और जातिगत टिप्पणियों का विषय बननी चाहिए? मध्य प्रदेश से शुरू हुई यह विवादों की श्रृंखला अब यूपी तक फैल चुकी है और हर दिन किसी नए नेता का बयान इसमें ईंधन डाल रहा है।
सेना के पराक्रम पर राजनीति का धुंआ
देश की जनता सेना के पराक्रम पर गर्व करती है, लेकिन सियासी गलियों में यही पराक्रम अब बहस और बयानबाज़ी का मुद्दा बन गया है। कर्नल सोफिया से लेकर विंग कमांडर व्योमिका सिंह तक, इन नामों के साथ अब जुड़ गई है सियासत की एक कड़वी परत, जो ना सिर्फ अपमानजनक है बल्कि राष्ट्रीय भावना को भी आहत करती है।

- मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने अपने बयान में कहा कि “पूरी सेना पीएम मोदी के चरणों में नतमस्तक है”, जिससे विवाद शुरू हुआ।
- मंत्री विजय शाह पर पहले ही कर्नल सोफिया को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के चलते केस दर्ज हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
- उत्तर प्रदेश में रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति का मंच से उल्लेख किया, जिसे जातिवादी टिप्पणी माना जा रहा है।
- कांग्रेस और विश्व हिंदू परिषद ने अपने-अपने स्तर पर इन बयानों का विरोध करते हुए कानूनी कार्रवाई और बर्खास्तगी की मांग की है।
- मामला संसद से सड़क तक पहुंच गया है, जहाँ सेना के सम्मान और राजनीतिक मर्यादा पर गंभीर बहस छिड़ गई है और आने वाले दिनों में सुनवाई अहम होगी।