प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई ‘सुपर कैबिनेट’ यानी राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जैसे दिग्गज शामिल रहे। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि आने वाली जनगणना में अब जातियों की भी गिनती होगी।
अब जातीय आंकड़े सरकार के पास होंगे
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जाति जनगणना को अब किसी अलग सर्वे के तहत नहीं, बल्कि आधिकारिक जनगणना के तहत ही किया जाएगा। इससे सरकार को देश की सामाजिक स्थिति का व्यापक आंकड़ा मिलेगा, जो नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाएगा। इससे पहले बिहार और कुछ अन्य राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर जातीय सर्वे किए थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह पहली बार होगा।
कांग्रेस पर लगाया राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप
सरकार ने कांग्रेस पर जाति जनगणना को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस सरकारों ने कभी जातियों की गिनती को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में वादा किया था, लेकिन वह केवल SECC नाम का एक सीमित सर्वे कराकर रह गए।
केंद्र ने राज्यों के सर्वे पर उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों ने जाति सर्वे किए, लेकिन वह पूरी तरह पारदर्शी नहीं थे। कई जगहों पर यह राजनीतिक मकसद से किया गया, जिससे समाज में भ्रम और बंटवारे की स्थिति बनी। केंद्र का मानना है कि एक राष्ट्रीय और आधिकारिक प्रक्रिया से ही सही आंकड़े सामने आ सकते हैं।
सामाजिक मजबूती और विकास का रास्ता खुलेगा
सरकार का मानना है कि जाति जनगणना से सामाजिक और आर्थिक नीतियां ज्यादा प्रभावी तरीके से बनाई जा सकेंगी। गरीब और वंचित तबकों को सही हक मिल सकेगा। वैष्णव ने कहा कि यह कदम समाज को मजबूती देगा और देश की प्रगति को और गति मिलेगी। उन्होंने 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग आरक्षण की मिसाल देते हुए कहा कि सरकार जब भी बड़े फैसले लेती है, समाज उसे सकारात्मक रूप में स्वीकार करता है।

- मोदी सरकार ने 2025 की जनगणना में जातियों की गिनती करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
- यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुपर कैबिनेट बैठक में लिया गया।
- सरकार का कहना है कि इससे सामाजिक और आर्थिक नीतियों में संतुलन आएगा।
- कांग्रेस पर जाति जनगणना को लेकर भ्रम फैलाने और राजनीति करने का आरोप लगाया गया।
- सरकार ने कहा कि अब जाति की गिनती केवल सर्वे नहीं, बल्कि आधिकारिक जनगणना का हिस्सा होगी।