हर साल 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन तंबाकू के सेवन के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को तंबाकू से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
हर साल जैसे ही मई-जून आता है, देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है। यह वही समय होता है जब ‘लू’ यानी गर्म हवा की तेज़ लहरें न केवल बाहर निकलना मुश्किल बना देती हैं, बल्कि जानलेवा साबित भी हो सकती हैं।
पिछले कुछ हफ्तों से देश में कोरोना के केस एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ते दिख रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता JN.1 वैरिएंट को लेकर है, जो अब भारत में सबसे ज्यादा फैल रहा है।
गर्मी का मौसम आते ही पसीना बहना एक आम सी बात लगती है। दो कदम भी चलो तो टी-शर्ट चिपचिपाने लगती है, बाइक पर हेलमेट पहनो तो सिर से लेकर गर्दन तक तर-बतर हो जाता है।
देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है।
रिश्ते, चाहे वे रोमांटिक हों या पारिवारिक, हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं। लेकिन क्या सिर्फ प्यार ही एक रिश्ते को सफल बनाता है? नहीं। एक मजबूत और हेल्दी रिश्ते की नींव एक-दूसरे की एक्सेप्टेंस (स्वीकृति) और सेफ्टी (सुरक्षा) पर टिकी होती है।
हमारे यहां दूध को उबालना आम बात है। गांव हो या शहर, हर कोई दूध घर लाकर सबसे पहले उसे उबालता है। लोगों को लगता है कि उबालने से दूध में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और वो जल्दी खराब भी नहीं होता।
हम सभी जानते हैं कि प्यार और सेक्स दोनों हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दो बिल्कुल अलग-अलग अनुभव हो सकते हैं? बहुत से लोग प्यार और सेक्स को एक ही मान लेते हैं, जबकि इनके बीच महत्वपूर्ण अंतर होता है।
रवि, एक 26 साल का क्रिएटिव डिज़ाइनर, रात 2:45 बजे उठ बैठा। सपना तो याद नहीं था, लेकिन नींद टूटने की झुंझलाहट चेहरे पर साफ़ थी। उसने घड़ी देखी, करवट बदली और मोबाइल उठाया।
कुछ साल पहले, जब मैं यूरोप में ट्रेनों की खिड़की से गुजरते शहरों को निहार रही थी, तब मोबाइल पर घंटों चलने वाली वो बातचीतें आज भी याद हैं। दूरी बहुत थी, लेकिन उस एक कॉल ने दिन अच्छा बना दिया था।
भारतीय जीवन शैली में ऋतुओं और महीनों का विशेष महत्व है। खास तौर पर खानपान को लेकर कई नियम ऋतुओं के अनुसार शरीर और मन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। बात यदि मई माह की जाए तो इस दौरान भारतीय मास का वैशाख और ज्येष्ठ मास होता है। ऐसे में इस दौरान शरीर को ऐसे भोजन की आवश्यकता होती है जो गर्मी से बचाता हो और स्वस्थ रखता हो।
कई बार ट्रैवल करते हुए या अलग-अलग संस्कृतियों को करीब से देखकर मैंने नोटिस किया है। मां बनना हर जगह एक सा नहीं होता, लेकिन हर जगह एक बात कॉमन होती है: हार्मोनल चेंज।
क्या आप जानते हैं कि सिर्फ 30 मिनट की वॉक हर दिन आपके दिल, दिमाग और शरीर के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है? नहीं? तो अब जान जाइए! आजकल सभी लोग हेल्थ के बारे में ज्यादा सोचने लगे हैं, और वॉकिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे आप बिना किसी जिम की टेंशन के अपने शरीर को फिट रख सकते हैं।
हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है, जो एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह बीमारी बहुत कम लोगों में पाई जाती है, लेकिन इसके प्रभावी इलाज और सही पहचान के लिए चिकित्सा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
कभी आपने महसूस किया है कि रिश्ते में सबकुछ होते हुए भी कुछ अधूरा रह जाता है? एक परफेक्ट लगती ज़िंदगी में भी कभी-कभी ऐसा खालीपन होता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है—खासतौर पर महिलाओं के लिए, जिनकी भावनात्मक और फिजिकल ज़रूरतें अक्सर अनदेखी रह जाती हैं।
कई बार हम सोचते हैं कि इंटीमेसी यानी केवल फिजिकल क्लोजनेस। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि किसी के साथ सुकून से बैठना, बिना कुछ बोले समय बिताना या किसी के थके चेहरे पर हाथ फेर देना भी उसी गहराई का हिस्सा होता है?
सुबह उठते ही ब्रश करने से पहले व्हाट्सएप चेक करने की आदत तो सबको है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि आपके सबसे करीबी इंसान से आख़िरी बार दिल से बात कब की थी?
रिश्तों को टाइम, ध्यान और थोड़ी positivity चाहिए होती है। ये मेहनत है, लेकिन दिल वाली मेहनत। और जब तुम ये करने लगते हो, तो पुराने वाला ‘spark’ दोबारा आने लगता है।
दिल्ली में एक कैफे में एक कपल के बीच मौन संबंधों की तस्वीर ने डिजिटल रिश्तों की गहराई पर सवाल उठाया है। तकनीक ने हमें जुड़े रखा है, लेकिन अक्सर यह जुड़ाव सतही होता है। रिश्तों में माइंडफुलनेस की कमी और 'फनब्बिंग' की आदतें समस्या बनी हुई हैं। डिजिटल डिटॉक्स और संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
लंदन की बारिश और वाराणसी के घाट से मिली सीख ने बताया कि सुकून हमारे आस-पास ही है। दादी की तुलसी चाय, अश्वगंधा, ध्यान, डिजिटल डिटॉक्स, और परिवार के साथ बिताया समय मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं। सरल उपायों से जीवन को अच्छा और तनावमुक्त बनाया जा सकता है।
सुबह की आदतें आपके पूरे दिन को प्रभावित करती हैं। पांच सरल तरीके – गुनगुना पानी पीना, सूरज की किरणें लेना, प्राणायाम और ध्यान करना, सकारात्मक सोच अपनाना, और मोबाइल से दूरी बनाना – आपकी सुबह को बेहतर और आपके दिन को उत्साह से भरा बना सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान की वजह से पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या आम हो गई है। लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे, तो पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकती है। कुछ गलत आदतें इस समस्या को बढ़ा देती हैं, जिनसे समय रहते बचना जरूरी है।