कई बार ट्रैवल करते हुए या अलग-अलग संस्कृतियों को करीब से देखकर मैंने नोटिस किया है। मां बनना हर जगह एक सा नहीं होता, लेकिन हर जगह एक बात कॉमन होती है: हार्मोनल चेंज।
क्या आप जानते हैं कि सिर्फ 30 मिनट की वॉक हर दिन आपके दिल, दिमाग और शरीर के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है? नहीं? तो अब जान जाइए! आजकल सभी लोग हेल्थ के बारे में ज्यादा सोचने लगे हैं, और वॉकिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे आप बिना किसी जिम की टेंशन के अपने शरीर को फिट रख सकते हैं।
हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है, जो एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह बीमारी बहुत कम लोगों में पाई जाती है, लेकिन इसके प्रभावी इलाज और सही पहचान के लिए चिकित्सा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
कभी आपने महसूस किया है कि रिश्ते में सबकुछ होते हुए भी कुछ अधूरा रह जाता है? एक परफेक्ट लगती ज़िंदगी में भी कभी-कभी ऐसा खालीपन होता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है—खासतौर पर महिलाओं के लिए, जिनकी भावनात्मक और फिजिकल ज़रूरतें अक्सर अनदेखी रह जाती हैं।
कई बार हम सोचते हैं कि इंटीमेसी यानी केवल फिजिकल क्लोजनेस। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि किसी के साथ सुकून से बैठना, बिना कुछ बोले समय बिताना या किसी के थके चेहरे पर हाथ फेर देना भी उसी गहराई का हिस्सा होता है?
सुबह उठते ही ब्रश करने से पहले व्हाट्सएप चेक करने की आदत तो सबको है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि आपके सबसे करीबी इंसान से आख़िरी बार दिल से बात कब की थी?
रिश्तों को टाइम, ध्यान और थोड़ी positivity चाहिए होती है। ये मेहनत है, लेकिन दिल वाली मेहनत। और जब तुम ये करने लगते हो, तो पुराने वाला ‘spark’ दोबारा आने लगता है।
दिल्ली में एक कैफे में एक कपल के बीच मौन संबंधों की तस्वीर ने डिजिटल रिश्तों की गहराई पर सवाल उठाया है। तकनीक ने हमें जुड़े रखा है, लेकिन अक्सर यह जुड़ाव सतही होता है। रिश्तों में माइंडफुलनेस की कमी और 'फनब्बिंग' की आदतें समस्या बनी हुई हैं। डिजिटल डिटॉक्स और संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
लंदन की बारिश और वाराणसी के घाट से मिली सीख ने बताया कि सुकून हमारे आस-पास ही है। दादी की तुलसी चाय, अश्वगंधा, ध्यान, डिजिटल डिटॉक्स, और परिवार के साथ बिताया समय मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं। सरल उपायों से जीवन को अच्छा और तनावमुक्त बनाया जा सकता है।
सुबह की आदतें आपके पूरे दिन को प्रभावित करती हैं। पांच सरल तरीके – गुनगुना पानी पीना, सूरज की किरणें लेना, प्राणायाम और ध्यान करना, सकारात्मक सोच अपनाना, और मोबाइल से दूरी बनाना – आपकी सुबह को बेहतर और आपके दिन को उत्साह से भरा बना सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान की वजह से पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या आम हो गई है। लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे, तो पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकती है। कुछ गलत आदतें इस समस्या को बढ़ा देती हैं, जिनसे समय रहते बचना जरूरी है।
गर्मियों का मौसम आते ही तरबूज सबसे पसंदीदा फलों में से एक बन जाता है। पानी से भरपूर यह फल न सिर्फ शरीर को ठंडक देता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचाता है। तरबूज में 90% से अधिक पानी होता है, जो डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
भारत सरकार के निरंतर प्रयासों से टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के मामलों में गिरावट आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में टीबी से होने वाली मौतों में 21.4% की कमी दर्ज की गई है। वहीं, 2015 में टीबी के छूटे मामलों की संख्या 15 लाख थी, जो 2023 में घटकर 2.5 लाख रह गई।
गर्मी के मौसम में शरीर को फिट और हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी होता है। तेज धूप और बढ़ते तापमान के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन, एसिडिटी और कमजोरी की समस्या हो सकती है।
पपीता सेहत के लिए रामबाण है! यह पाचन सुधारता है, स्किन ग्लो बढ़ाता है और वजन कम करने में मदद करता है। जानें इसके फायदे | Papaya Benefits | NationalBreaking.com
गर्मी में डिहाइड्रेशन, लू और कमजोरी से बचने के लिए अपनाएं ये 7 आसान हेल्थ टिप्स। स्वस्थ रहें, ऊर्जावान महसूस करें! | Health Tips | NationalBreaking.com