शनिवार, जून 14, 2025
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वास्तु: घर के मुख्य द्वार पर 5 चीज़ें बन सकती हैं दुर्भाग्य की वजह, जानिए क्यों बिगड़ता है ऊर्जा का संतुलन

भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में घर के मुख्य द्वार का विशेष स्थान है। इसे केवल एक प्रवेशद्वार न मानकर ऊर्जा, शांति और समृद्धि के प्रवाह का अहम मार्ग समझा जाता है।

ज्येष्ठ माह का आखिरी बड़ा मंगल आज, हनुमान मंदिरों में उमड़ेगा भक्तों का सैलाब, लाल वस्तुओं का करें दान

जेठ माह में आने वाले मंगलवारों को लेकर उत्तर भारत में एक गहरा धार्मिक भाव जुड़ा है। इन्हीं में से सबसे विशेष दिन होता है अंतिम बड़ा मंगल, जो 10 जून 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भक्तों के लिए सिर्फ एक पूजन तिथि नहीं, बल्कि समर्पण, सेवा और श्रद्धा की जीवंत मिसाल भी है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि आज सवेरे 11 बजे, भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं तो कल रखें व्रत

पूर्णिमा तिथियों का सनातन धर्म में विशेष स्थान है। प्रत्येक पूर्णिमा का अपनी-अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं, जिनमें से ज्येष्ठ पूर्णिमा को विशेष रूप से माना जाता है। यह दिन पूजा-पाठ, व्रत, स्नान, और दान के लिए उपयुक्त माना जाता है।

देशभर में ईद-उल-अजहा आज, कुर्बानी और इबादत का पर्व मनाएगा मुस्लिम समाज

मुस्लिम समजा का दूसरा सबसे बड़ा पर्व बकरीद यानी ईद-उल-अजहा आज (7 जून, शनिवार) को मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह है। सवेरे देशभर में मस्जिदों में विशेष नमाज होगी, इसके बाद एक दूसरे को मुबारक बाद दी जाएगी।

निर्जला एकादशी रवि और सिद्धी योग, तुलसी पूजन और भगवान विष्णु के ध्यान से मिलेगी समृद्धि

हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का स्थान अत्यंत विशेष है। इसे सभी एकादशियों में श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को वर्षभर की सभी 24 एकादशियों का पुण्यफल प्राप्त होता है।

सबसे कठिन व्रत है निर्जला एकादशी, नियमों के साथ करें तो मिलता है सभी एकादशियों का फल

हर वर्ष आने वाली 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का विशेष स्थान है, जो ना केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है, बल्कि आत्म अनुशासन और त्याग की भी चरम परीक्षा है। इस व्रत का पालन जेठ माह की भीषण गर्मी में किया जाता है, जब तपती धूप और बढ़ता तापमान शारीरिक संतुलन को चुनौती देता है।

गंगा दशहरा पर बन रहे हैं पुण्यकारी संयोग, 5 जून को सिद्धि योग और हस्त नक्षत्र में होगा मां गंगा का पूजन

गंगा दशहरा, सनातन धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और मोक्ष की ओर बढ़ता एक आध्यात्मिक अवसर है। पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में गंगा माता का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। यह दिन हर वर्ष ‘गंगा दशहरा’ के रूप में मनाया जाता है।

गंगा दशहरा 5 जून को, मां गंगा की कृपा पाने के लिए ध्यान रखें ये 10 दान नियम

हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला गंगा दशहरा इस बार 5 जून 2025 को पड़ रहा है। यह पर्व न केवल गंगा नदी की आराधना का अवसर है, बल्कि दान, स्नान और संयम से जुड़े सामाजिक मूल्यों को भी उजागर करता है।

जून महीने के प्रमुख त्योहार : निर्जला एकादशी पर होंगे दान पुण्य, भक्तों से मिलने निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

जून महीना प्रारंभ होने वाला है। भारतीय पंचांग के अनुसार इस महीने में हिंदू महीने ज्येष्ठ और आषाढ़ होंगे। जिनमें कई प्रमुख त्योहार, व्रत और उत्सव आएंगे। एक ओर गंगा दशहरा से निर्जला एकादशी तक उपवास और स्नान की परंपराएं निभाई जाएंगी, वहीं दूसरी ओर सामूहिक आस्था के प्रतीक जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे उत्सव भी होंगे।

शनि जन्मोत्सव आज, इस साल बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, ऐसे करें पूजा और पाएं शनि देव की कृपा

न्याय के देवता शनिदेव का जन्मोत्सव मंगलवार (27 मई) को मनाया जाएगा। इस अवसर पर शनि मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया गया है। जहां दिनभर तेलाभिषेक और दान पुण्य के आयोजन होंगे। इस बार शनि जन्मोत्सव पर द्विपुष्कर, सर्वार्थ सिद्धि, सुकर्मा योग और कृत्तिक-रोहिणी नक्षत्र जैसे संयोग भी बन रहे हैं।

शनि देव का जन्मोत्सव कल, जरुर दान करें ये वस्तुएं, दूर होगा जीवन का संकट और मिलेगी सुख-समृद्धि

शनि जयंती का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. शनि जन्मोत्सव का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि 26 मई दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर 27 मई सुबह 8:31 बजे तक है, ऐसे में उदयातिथि के अनुसार जन्मोत्सव 27 मई को मनाया जाएगा।

न्याय के देवता शनिदेव का जन्मोत्सव 27 मई को, रोहिणी नक्षत्र और शुभ योगों में करें शनि पूजा

शनि जयंती का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. शनि जन्मोत्सव का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस साल 26 मई और 27 मई दोनों दिन अमावस्या तिथि होने से लोगों में इस बात को लेकर असमंजस है कि शनि जन्मोत्सव कब मनाया जाए।

वट सावित्री पूजा में है बरगद का महत्व, आसपास पेड़ नहीं मिले तो न हों परेशान, अपनाएं ये उपाय

वट सावित्री व्रत आज (26 मई) को मनाया जा रहा है। हालाकि कई जगहों पर यह मंगलवार को भी मनाया जाएगा। इस बार वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या का संयोग श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर लेकर आया है।

ज्येष्ठ महिने की अमावस्या इस बार दो दिन, वट सावित्री व्रत आज, जानिए, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या आज (26 मई) को मनाई जा रही है। इस बार अमावस्या पर सोमवार होने से शुभ संयाेग बन रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने से सौभाग्य, संतान सुख और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

ज्येष्ठ सोमवती अमावस्या 26 को, पितृ तर्पण और शिव पूजन से दूर होंगे दोष, मिलेगी सुख-समृद्धि

ज्येष्ठ मास की अमावस्या इस बार 26 मई को मनाई जाएगी। इसे वट सावित्री अमावस्या भी कहते हैं। इस बार इसके सोमवार को आने से सोमवती अमावस्या के विशेष योग बन रहे हैं। यह अमावस्या पति की लंबी आयु, आत्मशुद्धि, पितृ तर्पण और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है

धन, पुण्य और मोक्ष का मार्ग खोलने वाली अपरा एकादशी का व्रत कल, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में विशेष स्थान रखने वाली अपरा एकादशी इस वर्ष 23 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसे ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी भी कहा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से जीवन में अपार पुण्य प्राप्त होता है, साथ ही मानसिक और आर्थिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।

वट सावित्री व्रत 26 मई को, पति की दीर्घायु और खुशहाल वैवाहित जीवन के लिए करें वटवृक्ष की पूजा

पति की दीर्घायु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल यह व्रत 26 मई, सोमवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर 27 मई सुबह 8:31 बजे तक रहेगी।

शनि जयंती पर इन 5 नकारात्मक आदतों से बनाएं दूरी, जीवन में नहीं होगी कोई परेशानी

इस वर्ष शनि जयंती 27 मई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन न्याय, कर्म और संतुलन के प्रतीक शनि ग्रह के प्राकट्य का पर्व है, जिसे देशभर में श्रद्धा और आत्मविचार के साथ मनाया जाता है। धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से यह दिन आत्मनिरीक्षण, विनम्रता और जीवन की दिशा को सुधारने का अवसर माना जाता है।

एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज, भगवान गणपति के अभिषेक और पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी व्रत रखा जाता है, लेकिन ज्येष्ठ मास की यह तिथि विशेष मानी जाती...

निर्जला एकादशी पर 6 जून को ग्रहों का दुर्लभ संयोग, मेष-मिथुन-सिंह राशि वालों को मिल सकते हैं जीवन के विशेष वरदान

हर साल गंगा दशहरा के बाद शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह एकादशी 6 जून को मनाई जाएगी। इस मौके एक खास संयोग बन रहा है। तीन प्रमुख ग्रह शुक्र, बुध और बृहस्पति की युति बन रही है, जिससे यह दिन समाज, परिवार और आत्मिक विकास के लिए अत्यंत शुभ बन रहा है।

सूर्य की वृषभ संक्रांति आज, आर्थिक उन्नति के लिए करें विशेष दान, जरुरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं

सूर्य देव आज (15 मई) वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है। यह दिन न केवल ज्योतिषीय रूप से विशेष है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कर्म विशेषकर स्नान, तर्पण और दान व्यक्ति के जीवन को शुद्ध और समृद्ध बनाते हैं।

धर्म, सेवा और तप के महीने ज्येष्ठ में आएंगे 10 खास पर्व, जानिए कब है निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत

हिंदू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ महीना 13 मई से शुरू हो गया। अब यह 11 जून 2025 तक चलेगा। यह महीना केवल मौसम की तपिश के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी इसकी एक विशेष पहचान है।

अपने भक्त की रक्षा के लिए प्रकट हुए भगवान नृसिंह, ब्रह्मा जी के वरदान के लिए धरा अद्भूत रूप

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर आज देशभर में नृसिंह प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है। अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु इस दिन आधे नर और आधे सिंह के रूप में प्रकट हुए थे और हिरण्यकश्यप का वण किया था, जो स्वयं को भगवान मानने लगा था। 

शनि का मीन राशि में प्रवेश: पांच राशियों के लिए तीन साल का अहम समय, समाज और परिवार में आ सकता है बदलाव

न्याय और कर्म के प्रतिनिधि शनिदेव ने 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश किया है। यह ग्रह अब जून 2027 तक इसी राशि में स्थित रहेगा। मीन राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति होता है, और जब शनि इस भाव में प्रवेश करता है, तो यह स्थिति आध्यात्मिक दृष्टि से गंभीर मानी जाती है।

भगवान नृसिंह प्राकट्योत्सव 11 मई को, बच्चों पर विशेष कृपा के लिए करें चतुर्दशी का यह व्रत

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जानेव वाला भगवान नृसिंह का जन्मोत्सव इस बार 11 मई, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु ने एक अद्भुत रूप धारण कर अपने भक्त की रक्षा की और अधर्म का अंत किया।

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