चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का पावन पर्व है, जो मां दुर्गा की नौ दिवसीय आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान भक्तगण महाकाली, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की उपासना कर विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, सही विधि से पूजन और व्रत करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के दौरान अपनाए जाने वाले शुभ और प्रभावी उपाय।
पूजा स्थल की स्थापना और मां दुर्गा की आराधना
चैत्र नवरात्रि में सबसे पहले घर के पूजा स्थल में देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें फूलों और अक्षत (चावल) से सुसज्जित करें। माता रानी की आराधना के लिए प्रतिदिन धूप, दीप, नैवेद्य और कुमकुम अर्पित करें।
नवरात्रि के दौरान व्रत और उपवास का महत्व
यदि पूरे नौ दिन का उपवास रखना संभव न हो, तो प्रथम, चतुर्थ और अष्टमी तिथि को उपवास जरूर करें। इससे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
अखंड ज्योत और नवार्ण मंत्र का जाप
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योत जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, भक्तों को “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै” मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए। यह देवी शक्ति का प्रमुख बीज मंत्र है, जिससे आध्यात्मिक शक्ति और आंतरिक शांति प्राप्त होती है।
दुर्गा सप्तशती पाठ और लाल वस्त्र धारण करना
नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। साथ ही, पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करना और लाल आसन पर बैठकर देवी की उपासना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
शहद मिला दूध और कन्या पूजन का महत्व
प्रातः कालीन पूजा के समय मां दुर्गा को शहद मिला दूध अर्पित करें, जिससे माता प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा, अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करें और कन्याओं को भोजन कराकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवरात्रि में कौन-कौन से कार्य करने से बचना चाहिए?
- तुलसी दल और दूर्वा मां दुर्गा को अर्पित नहीं करनी चाहिए।
- नकारात्मक विचारों से बचें और क्रोध, कटु वचन से परहेज करें।
- नवरात्रि के दौरान सात्विक आहार लें और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
- पूजा स्थल को अपवित्र न करें और अनियमितता से बचें।
दान और सेवा का महत्व
नवरात्रि के दौरान गरीबों को फल, अनाज, वस्त्र और दक्षिणा का दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। यह देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का भी उत्तम उपाय माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में भक्तिभाव से की गई पूजा और व्रत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और देवी मां की कृपा से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

- चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 9 अप्रैल से होगा और यह 17 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें भक्तजन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करेंगे।
- पूजा स्थल पर देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर, फूलों और दीपों से श्रृंगार करना शुभ माना जाता है।
- अखंड ज्योत जलाना, दुर्गा सप्तशती का पाठ और नवार्ण मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै” का जाप देवी कृपा प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय हैं।
- कन्या पूजन अष्टमी या नवमी को किया जाता है, जिसमें नौ कन्याओं को भोजन कराकर आशीर्वाद लिया जाता है।
- नवरात्रि के दौरान तुलसी और दूर्वा अर्पित करने से बचें, सात्विक भोजन ग्रहण करें और क्रोध व कटु वचन से दूर रहें।
- पूरे नौ दिनों तक सही विधि से उपासना करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है।