सिरसा में भाजपा नेता मनीष सिंगला द्वारा DSP से माफी मंगवाने के मामले में सीएम नायबसिंह का भी बयान आया है। भाजपा नेता का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि डीएसपी जिम्मेदार अफसर है, कुछ भी करने से पहले उसे वैरिफाई करना चाहिए था।
सीएम सैनी ने यह भी कहा कि अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और किसी भी स्थिति में सही निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि यदि कोई पुलिस का छोटा कर्मचारी गलती करता है, तो वह अलग बात है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री ने यह साफ किया कि ऐसी घटनाओं से आम जनता की सेवा में कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।
वीडियो वायरल होने पर सीएम ने जताई नाराजगी
इस मामले में सीएम ने यह भी कहा कि वीडियो का वायरल होना गलत था। उनका मानना है कि चाहे वह अधिकारी हो या कोई और, यह व्यवहार उचित नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता के प्रति सभी को जवाबदेह रहना चाहिए और इस तरह के घटनाक्रमों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था।
किसान नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया: DSP से माफी मंगवाने पर उठे सवाल
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद और सिरसा के किसान नेता लखविंदर सिंह ने सरकार और भाजपा नेता मनीष सिंगला की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों से माफी मंगवाना पुलिस फोर्स के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। रवि आजाद ने कहा कि मनीष सिंगला को इस घटना के लिए डीएसपी से माफी मांगनी चाहिए, न कि अधिकारी को इस तरह की स्थिति में लाना चाहिए था।
दीपेंद्र हुड्डा और अखिलेश यादव ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा इस तरह से पुलिस अधिकारियों का मनोबल तोड़ना चाहती है? दिग्विजय चौटाला ने इसे पुलिस के लिए निंदनीय कदम बताया और DGP से कार्रवाई की मांग की।
सिरसा में हुआ विवाद: DSP ने भाजपा नेता को कार्यक्रम से बाहर किया
यह मामला तब सामने आया जब सीएम नायब सिंह सैनी सिरसा में एक साइक्लोथॉन कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम में उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल गणेशी लाल के बेटे मनीष सिंगला भी उपस्थित थे। मंच के पास खड़े मनीष सिंगला को जींद के DSP जितेंद्र राणा ने अव्यवस्था के कारण वहां से हटने को कहा और उनका हाथ पकड़कर उन्हें दूर भेज दिया। हालांकि, अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसी ने इस कार्रवाई को रोकने की कोशिश नहीं की।