सोमवार, जून 16, 2025
spot_img
होमटॉप न्यूजचुनाव आयोग की अहम बैठक 18 मार्च को, वोटर ID-आधार को लिंक...

चुनाव आयोग की अहम बैठक 18 मार्च को, वोटर ID-आधार को लिंक करने पर हो सकता है फैसला

नेशनल ब्रेकिंग. चुनाव आयोग ने 18 मार्च को एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें वोटर ID को आधार से लिंक करने को अनिवार्य करने पर चर्चा की जा सकती है। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, UIDAI के सीईओ और लेजिस्लेटिव सेक्रेटरी शामिल होंगे।

वर्तमान में वोटर ID और आधार लिंक करना वैकल्पिक (Optional) है। सरकार ने संसद में स्पष्ट किया था कि अगर कोई मतदाता अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं करता है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा।

64 करोड़ मतदाता जुड़ चुके, 97 करोड़ का लक्ष्य

दिसंबर 2021 में लोकसभा ने चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पारित किया था, जिसमें वोटर ID को आधार से जोड़ने की सिफारिश की गई थी। चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक 64 करोड़ मतदाता अपने वोटर ID कार्ड को आधार से लिंक करा चुके हैं, जबकि देश में कुल 97 करोड़ मतदाता हैं।

फर्जी वोटिंग रोकने और डुप्लिकेसी खत्म करने के लिए हो सकता है फैसला

  • फर्जी मतदान पर रोक: इससे एक व्यक्ति द्वारा एक से अधिक स्थानों पर वोट डालने की संभावना खत्म होगी।
  • डुप्लिकेट एंट्री की समस्या खत्म: वोटर लिस्ट में डुप्लिकेट नाम हटने से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
  • EPIC नंबर अपडेट होगा: डुप्लीकेट वोटर कार्ड वाले लोगों को तीन महीने में नए EPIC नंबर जारी किए जाएंगे।

हालांकि, आधार लिंकिंग को लेकर कई एक्सपर्ट्स और राजनीतिक दलों ने प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं जाहिर की हैं। उनका कहना है कि आधार जैसी संवेदनशील जानकारी को वोटर ID से जोड़ने से डेटा लीक का खतरा हो सकता है।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  • चुनाव आयोग 18 मार्च को एक हाई-लेवल बैठक करने जा रहा है, जिसमें वोटर आईडी-आधार लिंकिंग को अनिवार्य बनाने पर चर्चा होगी।
  • इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, UIDAI के सीईओ और लेजिस्लेटिव सेक्रेटरी शामिल होंगे, जो इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
  • फिलहाल वोटर आईडी और आधार को लिंक करना ऐच्छिक (ऑप्शनल) है, और सरकार ने स्पष्ट किया है कि लिंक न करने पर भी मतदाता सूची से नाम नहीं हटेगा।
  • चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक 64 करोड़ मतदाता अपने वोटर आईडी को आधार से जोड़ चुके हैं, जबकि भारत में कुल 97 करोड़ मतदाता हैं।
  • यह कदम फर्जी वोटिंग और डुप्लिकेट वोटर लिस्ट को रोकने के लिए उठाया जा सकता है, लेकिन डेटा प्राइवेसी को लेकर कई राजनीतिक दलों और एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है।
अन्य खबरें