भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में कई आतंकियों और सैन्य ठिकानों को तबाह किया था। भारतीय सेना की इस कार्रवाई से पाकिस्तानी फौज को बड़ा नुकसान हुआ। इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार ने देश की जनता को ये कहकर बरगलाया कि वह जंग जीत गया है।
जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने का एलान
पाकिस्तान की कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को प्रमोट कर फील्ड मार्शल बना दिया। यह पाकिस्तान की फौज में सबसे ऊंचा ओहदा होता है। मुनीर देश के इतिहास में सिर्फ दूसरे अफसर हैं जिन्हें यह दर्जा मिला है। इससे पहले 1959 में अयूब खान को फील्ड मार्शल बनाया गया था।
शहबाज सरकार चला रही है प्रोपेगेंडा वॉर
भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान की सरकार लगातार जनता को गलत जानकारी दे रही है। शहबाज शरीफ की सरकार अब ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि जैसे पाकिस्तान की जीत हुई हो। इसी मकसद से मुनीर का प्रमोशन किया गया है। लेकिन हकीकत ये है कि भारत ने पाकिस्तान की सरहद में घुसकर हमला किया और PAK कुछ नहीं कर पाया।
आसिम मुनीर ने क्या कहा प्रमोशन पर
फील्ड मार्शल बनने के बाद आसिम मुनीर ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं। ये सम्मान पूरे देश और फौज को समर्पित है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट का भी शुक्रिया, जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया।”
कौन हैं जनरल आसिम मुनीर?
आसिम मुनीर 2022 से पाकिस्तान के आर्मी चीफ हैं। वे पाक के 11वें सेनाध्यक्ष हैं। उन्होंने 1986 में आर्मी जॉइन की थी और धीरे-धीरे टॉप रैंक तक पहुंचे। आर्मी चीफ बनने से पहले वह क्वार्टरमास्टर जनरल थे। उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च सैन्य सम्मान जैसे निशान-ए-इम्तियाज और हिलाल-ए-इम्तियाज मिल चुके हैं।

- भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर सीधा हमला किया।
- पाकिस्तान ने हार छुपाकर सेना प्रमुख आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया।
- मुनीर को प्रमोशन देने के पीछे शहबाज सरकार का मकसद झूठी जीत दिखाना है।
- फील्ड मार्शल बनने पर मुनीर ने खुद को देश और फौज को समर्पित बताया।
- मुनीर 1986 में सेना में शामिल हुए थे और अब PAK के दूसरे फील्ड मार्शल बन गए हैं।