गुरुग्राम के मेयर चुनाव में गंभीर अनियमितता का आरोप लगते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका भाजपा की मौजूदा मेयर राज रानी मल्होत्रा और कांग्रेस प्रत्याशी सीमा पाहूजा के खिलाफ है, जिन पर बीसी-ए वर्ग का फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का आरोप है।
ADसी ने किया नियमों का उल्लंघन, जारी किया अवैध प्रमाण पत्र
याचिका के अनुसार, राज रानी मल्होत्रा को पिछड़ा वर्ग-ए (BC-A) का प्रमाण पत्र 16 फरवरी को एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (ADC) ने जारी किया था। लेकिन कानूनन ADC को ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है।
दोनों प्रत्याशी ‘खत्री’ जाति से, बीसी-ए में नहीं आता वर्ग
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील मुकेश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि मेयर पद बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित था, इसलिए दोनों प्रत्याशियों ने इस वर्ग के तहत नामांकन दाखिल किया। जबकि दोनों प्रत्याशी खत्री जाति से हैं, जो कि सामान्य वर्ग में आती है, न कि बीसी-ए में।
सरकारी मशीनरी की मिलीभगत का आरोप, संवैधानिक अधिकारों का हनन
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह प्रमाण पत्र बिना सक्षम प्राधिकारी की पुष्टि और कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन में जारी किया गया। इससे बीसी-ए वर्ग के वास्तविक लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है, जो आरक्षण का लाभ उठाने से वंचित रह गए।
हाईकोर्ट का सख्त रुख, सरकार को भेजा नोटिस
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस कमरजीत सिंह की बेंच ने मामले को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार, मेयर राज रानी मल्होत्रा और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 22 मई तक जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत अधिकारियों को सबूतों के साथ दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

- गुरुग्राम की मेयर राज रानी मल्होत्रा पर फर्जी बीसी-ए प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ने का आरोप।
- ADC ने नियमों का उल्लंघन कर 16 फरवरी को प्रमाण पत्र जारी किया, जो अवैध बताया गया।
- दोनों प्रत्याशी खत्री जाति से हैं, जो बीसी-ए में शामिल नहीं है।
- याचिकाकर्ताओं ने इसे सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से हुआ घोटाला बताया।
- हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 22 मई तक जवाब मांगा।