Monday, April 28, 2025
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हरियाणा बजट सत्र में 4 विधेयक पास: शव निपटान, ट्रैवल एजेंट, जुआ-सट्टा और अनुबंध कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा पर बड़ा फैसला

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन चार अहम विधेयक पास किए गए, जिनका प्रभाव आम जनता से लेकर व्यवसायों और सरकारी कर्मचारियों तक पड़ेगा। इन विधेयकों में हरियाणा शव सम्मान निपटान विधेयक-2025, हरियाणा ट्रैवल एजेंट रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन विधेयक-2025, हरियाणा जुआ-सट्टा विधेयक-2025 और हरियाणा अनुबंध कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी विधेयक-2024 शामिल हैं।

हरियाणा में सड़कों पर शव रखक जुआ-सट्टा पर सख्त कानून

इन विधेयकों के प्रावधानों में सड़कों पर शव रखकर प्रदर्शन करने पर रोक, बिना रजिस्ट्रेशन वाले ट्रैवल एजेंटों पर सख्त कार्रवाई, जुआ-सट्टा और मैच फिक्सिंग पर कड़े दंड और अनुबंध कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा शामिल हैं। कांग्रेस विधायकों ने इस विधेयक को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया। विधायक भारत भूषण बत्रा ने सवाल किया कि “जब केंद्र सरकार ने इसे वापस भेजा था, तो अब फिर से क्यों लाया गया?” मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जवाब दिया कि केंद्र की आपत्तियों को दूर कर दिया गया है और यह कानून लोगों के अधिकारों का हनन नहीं करता।

ट्रैवल एजेंट कानून पर गरमाई बहस, विपक्ष ने उठाए सवाल

हरियाणा में बिना रजिस्ट्रेशन वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है, जिसमें अधिकतम 7 साल की सजा और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कानून में स्पष्टता की कमी है और इससे छोटे ट्रैवल एजेंट्स प्रभावित होंगे। मुख्यमंत्री सैनी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इसे युवाओं के हित में बनाया है और यह “हरियाणा के युवाओं को अवैध एजेंटों से बचाने का कदम” है।

जुआ-सट्टा विधेयक: विपक्ष ने बताया ‘खतरनाक’, सरकार ने कहा- परिवार बचाने की जरूरत

हरियाणा सरकार ने जुआ और सट्टेबाजी पर 3 से 5 साल तक की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया है। कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने आशंका जताई कि इससे “माफिया को बढ़ावा मिलेगा”। मुख्यमंत्री सैनी ने पलटवार करते हुए कहा कि “जुए और सट्टेबाजी से कई परिवार बर्बाद हुए हैं, इसे रोकना जरूरी है।” उन्होंने चुनावी सट्टेबाजी और क्रिकेट मैच फिक्सिंग को रोकने की जरूरत पर भी जोर दिया।

अनुबंध कर्मचारियों को मिली राहत, लेकिन विपक्ष ने जताई जल्दबाजी की शिकायत

सरकार ने 15 अगस्त 2024 तक 5 साल की सेवा पूरी करने वाले अनुबंध कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने इसे जल्दबाजी में पारित विधेयक बताया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “इससे हजारों कर्मचारियों को राहत मिलेगी और सरकार इस पर गंभीर है।”

राजकीय स्कूलों की स्थिति पर कांग्रेस-मंत्री में टकराव

सदन में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर भी चर्चा हुई, जहां कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने दावा किया कि “92,000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं और 7,000 और नियुक्त किए गए हैं।” पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्कूलों में किताबों और ड्रेस की अधिक कीमतों को लेकर जांच की मांग की और कहा कि सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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  1. शव सम्मान निपटान विधेयक 2025: इस कानून के तहत अब लोग सड़कों पर शव रखकर प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। उल्लंघन करने पर 6 महीने से 3 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
  2. ट्रैवल एजेंट रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन विधेयक 2025: बिना वैध रजिस्ट्रेशन के ट्रैवल एजेंटों के लिए अधिकतम 7 साल की कैद और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जिससे अवैध रूप से युवाओं को विदेश भेजने वालों पर रोक लगेगी।
  3. जुआ-सट्टा विधेयक 2025: मैच फिक्सिंग, चुनाव या खेलों में सट्टेबाजी करने वालों के लिए 3 से 5 साल तक की कैद और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है, जिससे सट्टेबाजी पर सख्त नियंत्रण होगा।
  4. अनुबंध कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी विधेयक 2024: 15 अगस्त 2024 तक 5 साल की सेवा पूरी करने वाले अनुबंधित कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे हजारों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
  5. विपक्ष की प्रतिक्रिया: कांग्रेस विधायकों ने शव निपटान और ट्रैवल एजेंट विधेयकों पर आपत्ति जताई, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन कानूनों को जनहित में आवश्यक बताया। ​
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