हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) में एक साल से अटका पड़ा नियुक्ति का मामला अब लगभग निपट चुका है। जिस पद को भरने के लिए लंबे वक्त से इंतजार हो रहा था, उसके लिए गठित चयन समिति ने दो नाम चुनकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेज दिए हैं। अब बस इन दो में से किसी एक नाम पर मुख्यमंत्री की मुहर लगनी बाकी है।
सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक
इस फैसले से पहले चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एचएस भल्ला ने की। उनके साथ मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन भी शामिल रहे। यह वही समिति है जिसे सरकार ने सदस्य पद की चयन प्रक्रिया के लिए बनाया था।
63 लोगों ने जताई थी इस पद में रुचि
सरकार ने 2 जुलाई 2024 को इस पद को भरने के लिए विज्ञापन निकाला था। आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 23 जुलाई रखी गई थी। इस दौरान आयोग को कुल 63 आवेदन मिले थे। हालांकि यह प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो पाई, जबकि नियमों के मुताबिक किसी सदस्य का कार्यकाल खत्म होने से 6 महीने पहले ही नई नियुक्ति की तैयारी शुरू हो जानी चाहिए।
आयोग में एक चेयरमैन और दो सदस्य होते हैं
HERC का ढांचा ऐसा है कि इसमें एक चेयरमैन और दो सदस्य होते हैं। फिलहाल सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) के पूर्व चेयरमैन नंद लाल शर्मा इस आयोग के प्रमुख हैं। उन्होंने 2 फरवरी 2024 को पदभार संभाला था। उसी दिन मुकेश गर्ग ने भी एक सदस्य के रूप में जॉइन किया था। लेकिन तीसरे सदस्य की कुर्सी तभी से खाली है, जिससे आयोग के फैसलों में रुकावटें आ रही थीं।
पहले भी हो चुकी हैं नियुक्तियों में देरी
यह कोई पहली बार नहीं है जब HERC में नियुक्ति में इतनी देर हुई हो। अक्टूबर 2021 में परविंद्र चौहान के इस्तीफे के बाद उनकी जगह भरने में सरकार को फरवरी 2024 तक का समय लग गया। इसी तरह पूर्व चेयरमैन आरके पचनंदा का कार्यकाल अक्टूबर 2023 में खत्म हुआ था, लेकिन उनकी जगह फरवरी 2024 में जाकर नियुक्ति हो पाई।

- HERC के एक साल से खाली सदस्य पद के लिए चयन समिति ने दो नाम मुख्यमंत्री को भेजे हैं।
- पद 28 मई 2024 से खाली था, चयन प्रक्रिया अब पूरी हो गई है।
- समिति की बैठक चंडीगढ़ में हुई, जिसमें सेवानिवृत्त जज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
- पद के लिए कुल 63 आवेदन आए थे, लेकिन प्रक्रिया में देरी हुई।
- अब मुख्यमंत्री के फैसले के बाद बिजली मंत्री नए सदस्य को शपथ दिलाएंगे।