दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के बंगले में आग और नकदी मिलने के दावे को लेकर शुक्रवार को बड़ा खुलासा हुआ। दिल्ली फायर ब्रिगेड प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि उनकी टीम को घटनास्थल पर कोई कैश नहीं मिला। उन्होंने बताया कि 14 मार्च की रात 11:35 बजे लुटियंस दिल्ली में स्थित जज के सरकारी आवास पर आग लगने की सूचना मिली थी। जब फायर ब्रिगेड की टीम वहां पहुंची तो पाया कि आग स्टोर रूम में लगी थी, जिसे 15 मिनट के अंदर बुझा दिया गया। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने अफवाहों पर जताई नाराजगी
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी बयान जारी कर कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कैश मिलने की खबरों का कोई आधार नहीं है और ये सिर्फ अफवाहें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इस पूरे घटनाक्रम पर शुक्रवार को CJI संजीव खन्ना को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
जस्टिस वर्मा का हुआ ट्रांसफर
इस पूरे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने साफ किया कि जज के बंगले पर आग और ट्रांसफर का कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहा है। एसोसिएशन का कहना है कि इस फैसले से न्यायपालिका की पारदर्शिता पर सवाल उठता है।
संसद में भी उठा मामला
राज्यसभा में भी यह मामला गूंजा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए इस विषय पर विस्तृत चर्चा कराने की अपील की। राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता बेहद जरूरी है और वह इस मुद्दे पर संरचित बहस के लिए तैयार हैं।
न्यायपालिका में पारदर्शिता की जरूरत: कपिल सिब्बल
सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने भी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक गंभीर मुद्दा है। अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाए।”

- दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर आग लगने और नकदी मिलने के दावे पर फायर ब्रिगेड ने किया खंडन।
- 14 मार्च की रात जज के सरकारी आवास में लगी थी आग, 15 मिनट में बुझाई गई, पुलिस को दी गई सूचना।
- सुप्रीम कोर्ट ने अफवाहों पर जताई नाराजगी, कहा- कैश मिलने की खबरों का कोई आधार नहीं।
- जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर, बार एसोसिएशन ने जताया विरोध।
- राज्यसभा में उठा मुद्दा, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने न्यायपालिका की पारदर्शिता पर बहस की मांग की।