गुरुवार रात विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बात की। ये भारत और तालिबान सरकार के बीच मंत्री स्तर की पहली सीधी बातचीत थी। बातचीत की शुरुआत अफगानिस्तान की उस प्रतिक्रिया से हुई जिसमें उसने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया था कि भारतीय मिसाइलों ने अफगान जमीन को निशाना बनाया है।
भारत ने अफगान समर्थन का किया स्वागत
जयशंकर ने अफगान सरकार का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और पाकिस्तान के झूठे आरोपों को खारिज किया। भारत ने इसे अफगानिस्तान के साथ भरोसे के रिश्ते की मिसाल बताया।
तालिबान ने मांगी वीजा सुविधा और कैदियों की रिहाई
मुलाकात में तालिबान विदेश मंत्री ने भारत से अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए वीजा सुविधा बहाल करने की मांग की। साथ ही भारत में बंद अफगान कैदियों की रिहाई और वतन वापसी की अपील की गई। जयशंकर ने भरोसा दिलाया कि इन मुद्दों को जल्द हल किया जाएगा। भारत ने 25 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद वीजा सुविधा बंद कर दी थी।
जनवरी से बढ़ रही है बातचीत की रफ्तार
भारत और तालिबान सरकार के बीच बातचीत की नींव जनवरी 2025 में पड़ी थी जब दुबई में भारत के पूर्व राजदूत विक्रम मिसरी और मुत्ताकी की मुलाकात हुई। उसके बाद विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश ने भी मुत्ताकी से अप्रैल में बात की थी। अब जयशंकर की सीधी बातचीत इस कड़ी को और मजबूत बनाती है।
अभी भी नहीं दी गई आधिकारिक मान्यता
भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। हालांकि पिछले 20 सालों में भारत ने अफगानिस्तान को करीब 25 हजार करोड़ रुपये की मदद दी है। नवंबर 2024 में तालिबान ने मुंबई स्थित अफगान वाणिज्य दूतावास में अपने राजनयिक की नियुक्ति कर दी थी।
भारत अब तालिबान को नजरअंदाज नहीं कर सकता
मिडिल ईस्ट की मीडिया संस्था अल जज़ीरा के अनुसार, भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते धीरे-धीरे नज़दीक आ रहे हैं। विशेषज्ञ राघव शर्मा का मानना है कि अब भारत तालिबान को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकता। दूसरी ओर, तालिबान भी पाकिस्तान पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहता और भारत से रिश्तों को बढ़ाकर यह दिखा रहा है कि उसके पास और भी विकल्प हैं।

- भारत और तालिबान सरकार के बीच पहली बार विदेश मंत्री स्तर की सीधी बातचीत हुई।
- जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी को पाकिस्तान के झूठे आरोपों को खारिज करने पर धन्यवाद कहा।
- तालिबान ने भारत से वीजा सुविधा और अफगान कैदियों की रिहाई की मांग की।
- जनवरी से दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला तेज़ हुआ है।
- भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी लेकिन अफगानिस्तान को भारी आर्थिक मदद दी है।