नेशनल ब्रेकिंग: हरियाणा के सोनीपत में मंगलवार को आईटीबीपी के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) देवेंद्र दहिया का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सोमवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित कैंप में ड्यूटी के दौरान कांस्टेबल ने उन पर 18 गोलियां दाग दी थीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
वर्दी को लेकर डांट पड़ी भारी, कांस्टेबल ने राइफल से कर दी फायरिंग
परिजनों और पुलिस के मुताबिक, ASI देवेंद्र सिंह ने कांस्टेबल सरोज कुमार को वर्दी ठीक से न पहनने पर फटकार लगाई थी। इस पर सरोज गुस्से में अपने क्वार्टर चला गया और वहां से बिना कुछ कहे अपनी इंसास राइफल लेकर लौटा। कुछ देर बाद कैंप में फिर ASI देवेंद्र से उसका सामना हुआ। जब ASI ने दोबारा उसे टोका, तो कांस्टेबल ने गुस्से में उनके माथे पर गोली मार दी।
गुस्से में दागीं 18 गोलियां, मौके पर ही मौत
पहली गोली लगते ही ASI जमीन पर गिर गए, लेकिन गुस्से में कांस्टेबल ने लगातार 17 और गोलियां चला दीं। गोलीबारी से पूरे कैंप में अफरा-तफरी मच गई। साथी जवानों ने तुरंत आरोपी कांस्टेबल सरोज कुमार को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। खरोरा पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हत्या केवल डांट के कारण हुई या इसके पीछे कोई और वजह थी।
1990 में भर्ती हुए थे देवेंद्र, कई राज्यों में दी थी सेवाएं
परिवार के मुताबिक, ASI देवेंद्र दहिया 1990 में आईटीबीपी में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। उन्होंने मध्य प्रदेश के करेरा में ट्रेनिंग ली थी और अपनी सेवाएं लेह-लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में दी थीं। वर्तमान में उनकी तैनाती रायपुर में आईटीबीपी की 38वीं बटालियन के कैंप में थी।
परिवार ने मांगा शहीद का दर्जा और सरकारी सहायता
देवेंद्र के अंतिम संस्कार के दौरान परिवार ने सरकार से उन्हें शहीद का दर्जा देने और उनके परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की। देवेंद्र के माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। उनके परिवार में पत्नी, बेटा, बहू और शादीशुदा बेटी हैं। देवेंद्र के बड़े भाई भी आईटीबीपी से रिटायर हो चुके हैं। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि क्या कांस्टेबल सरोज कुमार के गुस्से की कोई और वजह थी या यह पूरी तरह से डांट का नतीजा था।

- घटना का विवरण: छत्तीसगढ़ के रायपुर में ITBP कैंप में कांस्टेबल सरोज कुमार ने ASI देवेंद्र दहिया को 18 गोलियां मारीं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
- हमले की वजह: प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ASI ने कांस्टेबल को वर्दी सही से पहनने की हिदायत दी थी, जिससे वह गुस्से में आ गया और हमला कर दिया।
- अपराधी की गिरफ्तारी: गोलीबारी के तुरंत बाद अन्य जवानों ने कांस्टेबल को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया, पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- पीड़ित का सैन्य इतिहास: ASI देवेंद्र दहिया 1990 में ITBP में भर्ती हुए थे और उन्होंने लेह-लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश समेत कई स्थानों पर सेवा दी थी।
- परिवार की मांग: परिवार ने देवेंद्र दहिया को शहीद का दर्जा देने और परिजनों को सरकारी सहायता प्रदान करने की मांग की है।