Tuesday, April 29, 2025
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जज कैश केस: वकीलों से मिले जस्टिस यशवंत वर्मा, 12 दिन बाद पुलिस ने जब्त की CCTV डीवीआर

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से जले हुए नोट मिलने के मामले में 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की बनाई इन-हाउस कमेटी ने पुलिस के साथ उनके बंगले का दौरा किया। जांच कमेटी के सदस्य करीब 30-35 मिनट तक बंगले के अंदर रहे।

इससे पहले, जस्टिस वर्मा ने बुधवार को वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपना अंतिम जवाब तैयार करने के लिए एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल, अरुंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुर्जर और एक अन्य वकील से चर्चा की। यह जवाब जांच कमेटी के समक्ष पेशी के दौरान अहम भूमिका निभाएगा। संभावना है कि वे इसी हफ्ते इन-हाउस कमेटी के सामने पेश होंगे।

आग लगने के वक्त सतपुड़ा में थे जस्टिस वर्मा

14 मार्च की रात, जब जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित बंगले में आग लगी, उस समय वे अपनी पत्नी के साथ सतपुड़ा नेशनल पार्क के मढ़ई क्षेत्र में ठहरे हुए थे। सूचना मिलते ही वे 15 मार्च को भोपाल पहुंचे और फिर दिल्ली रवाना हो गए। उनके यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, वे 15 मार्च तक सतपुड़ा में रुकने वाले थे।

होली के दिन लगी इस आग को बुझाने पहुंची फायर ब्रिगेड टीम को घर के स्टोर रूम में बोरियों में भरे 500-500 रुपये के अधजले नोट मिले थे। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया था, जिससे मामला और गंभीर हो गया।

घटना के 12 दिन बाद पुलिस ने स्टोर रूम किया सील, CCTV डीवीआर जब्त

जांच के तहत, दिल्ली पुलिस ने घटना के 12 दिन बाद जस्टिस वर्मा के बंगले के उस स्टोर रूम को सील कर दिया, जहां आग लगी थी। डीसीपी नई दिल्ली देवेश की टीम ने मौके पर पहुंचकर वहां लगे CCTV कैमरों की डीवीआर भी जब्त कर ली।

इसके अलावा, जांच कमेटी ने मौके पर मौजूद पीसीआर वैन का रिकॉर्ड, स्थानीय थाने का रजिस्टर और जांच अधिकारी की डायरी की मांग की है। दिल्ली फायर ब्रिगेड से उन दो जवानों की जानकारी भी मांगी गई है, जो वीडियो में नोटों की बोरियां हटाते दिखे थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शुरू की हड़ताल

इस पूरे मामले के बीच, जस्टिस वर्मा के तबादले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में नाराजगी देखी जा रही है। जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे जाने की खबर के बाद से बार एसोसिएशन हड़ताल पर है, जो अब तीसरे दिन भी जारी रही।

बार एसोसिएशन ने हड़ताल में शामिल न होने वाले वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और दो दिन के भीतर जवाब मांगा है। जवाब न देने पर उनकी सदस्यता खत्म करने की चेतावनी भी दी गई है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच कमेटी की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा की पेशी का इंतजार किया जा रहा है।

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