हरियाणा की सोशल मीडिया व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को लेकर जो खुलासे सामने आ रहे हैं, उसने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तान के एक शख्स दानिश उर्फ एहसान डार के संपर्क में थी। ये संपर्क सिर्फ बातचीत तक सीमित नहीं थे, बल्कि इसमें कई स्तर की सूचनाएं और डिजिटल गतिविधियां शामिल थीं।
पहली मुलाकात पाकिस्तान में, फिर गहरा हुआ रिश्ता
साल 2023 में जब ज्योति पाकिस्तान गई थी, वहीं उसकी मुलाकात एहसान डार से हुई थी। लेकिन नवंबर 2023 के बाद दोनों के बीच जो बातचीत शुरू हुई, वो आम नहीं थी। पुलिस रिपोर्ट कहती है कि दोनों के बीच का संपर्क तकनीकी तौर पर बेहद सुरक्षित और लगातार बना रहा। मार्च 2025 तक वो लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे, जिसमें कई अहम जानकारियां भी साझा हुईं।
एन्क्रिप्टेड ऐप्स और वीपीएन से चल रहा था नेटवर्क
जांच एजेंसियों के मुताबिक, ज्योति और दानिश के बीच बातचीत के लिए सिग्नल, टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल हुआ। इसके अलावा TOR नेटवर्क, वीपीएन और विदेशी सिम कार्डों की मदद से गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की गई। इस तरह की तकनीकें आम तौर पर जासूसी नेटवर्क या साइबर ऑपरेशन में इस्तेमाल की जाती हैं।
वीडियो स्क्रिप्ट और डेटा शेयरिंग का भी शक
ऐसा भी संदेह है कि पाकिस्तान की ओर से ज्योति को वीडियो स्क्रिप्ट, डिप्लोमैटिक लोकेशन डेटा और वैचारिक कंटेंट मुहैया कराया गया। जांच एजेंसियां इसे ‘हाइब्रिड वॉर’ का हिस्सा मान रही हैं, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए एक खास नैरेटिव फैलाया जाता है। पूछताछ में अब ये पता किया जा रहा है कि उसके बनाए वीडियो कहीं सीधे पाकिस्तानी एजेंडे से तो नहीं जुड़ते।
विदेश यात्राओं और डायरी से खुलते नए सुराग
ज्योति की डायरी भी जांच एजेंसियों के हाथ लगी है, जिसमें उसकी यात्राओं, खर्चों और भावनाओं का ज़िक्र है। डायरी में तीन पन्ने ऐसे हैं जिसमें पाकिस्तान का जिक्र साफ तौर पर किया गया है। एक पेज में उसने लिखा है कि वह रात 1 बजे तक वीडियो एडिट करती थी और बाली ट्रिप में लाखों रुपये खर्च हुए थे। इसी डायरी से पता चला कि उसकी ‘वापसी की योजना’ थी, लेकिन उससे पहले ही गिरफ्तारी हो गई।
पुलिस के सामने खड़े अहम सवाल
अब जांच एजेंसियों के सामने कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं:
- क्या ज्योति की 2023 की पाकिस्तान यात्रा सिर्फ धार्मिक यात्रा थी या पहले से रची गई साजिश?
- एहसान डार से उसकी मुलाकात किसने कराई और क्या ये योजना के तहत हुआ?
- क्या उसे पाकिस्तान से डिजिटल या आर्थिक मदद मिली?
- क्या उसके वीडियो स्क्रिप्ट पाक एजेंडा का हिस्सा थे?
- उसकी चीन, दुबई, भूटान यात्राएं भी क्या किसी ‘मिशन’ का हिस्सा थीं?
पुलिस और जांच एजेंसियां इन सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह केस देश की डिजिटल सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।

- यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद सामने आया पाकिस्तान हैंडलर दानिश से डेढ़ साल का संपर्क।
- पहली मुलाकात पाकिस्तान यात्रा के दौरान हुई, नवंबर 2023 से तकनीकी रूप से सुरक्षित संपर्क बना।
- चैटिंग के लिए सिग्नल, टेलीग्राम, TOR, वीपीएन जैसे सुरक्षित माध्यमों का इस्तेमाल किया गया।
- जांच में शक कि पाकिस्तानी एजेंडे के तहत वीडियो स्क्रिप्ट और डेटा शेयरिंग हो रही थी।
- डायरी, विदेश यात्राओं और आखिरी नोट से मिले कई अहम सुराग, पूछताछ जारी।