पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा ने स्थानीय लोगों को इतना डरा दिया कि वे अपना घर-बार छोड़कर मालदा जिले की ओर भागने को मजबूर हो गए। परंतु बीते 24 घंटे में हालात में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। पुलिस की निगरानी में अब वे पीड़ित वापस अपने घर लौटने लगे हैं।
प्रशासन की चौकसी से लौट रहा भरोसा
बंगाल पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) जावेद शमीम ने बताया कि हिंसा प्रभावित गांवों में बड़ी संख्या में लोग लौट चुके हैं और राज्य पुलिस की निगरानी में अन्य लोगों की वापसी भी हो रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी वरिष्ठ अधिकारी मुर्शिदाबाद में कैंप कर स्थिति पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित गड़बड़ी को रोका जा सके।
36 घंटे से नहीं हुई कोई नई हिंसा
एडीजी जावेद शमीम ने कहा कि शनिवार के बाद से मुर्शिदाबाद में कोई नई हिंसक घटना सामने नहीं आई है। उनका कहना है कि पुलिस का प्रयास है कि हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएं और हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे। हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
अफवाहें बनीं सबसे बड़ी चुनौती
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल शांति स्थापित करने में सबसे बड़ी बाधा अफवाहें बन रही हैं। इन्हीं अफवाहों की वजह से तनाव फैल रहा है और डर का माहौल बनता है। इसी कारणवश कई संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी असत्यापित जानकारी को आगे न फैलाएं।
200 से अधिक लोग हिरासत में, रूट मार्च तेज
शांति बहाल करने के लिए राज्य और केंद्रीय बल मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस ने 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और संवेदनशील इलाकों में रूट मार्च तथा पिकेटिंग बढ़ा दी गई है। अधिकारियों की प्राथमिकता है कि हर समुदाय सुरक्षित रहे और दोबारा कोई हिंसा न हो।

- मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पलायन करने वाले लोग अब पुलिस संरक्षण में वापस लौटने लगे हैं।
- एडीजी जावेद शमीम के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
- पिछले 36 घंटों में मुर्शिदाबाद में कोई नई हिंसक घटना दर्ज नहीं हुई है।
- अफवाहें शांति की राह में सबसे बड़ी चुनौती बन रही हैं, इसलिए कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं।
- अब तक 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।