जम्मू-कश्मीर के पहलगाम को लोग ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहते हैं, जहां हर साल हजारों सैलानी छुट्टियां मनाने आते हैं। लेकिन इस बार की वादियों में नज़ारे नहीं, चीखें गूंज उठीं। मंगलवार की दोपहर वो सब कुछ बदल गया जब पुलिस की वर्दी में कुछ आतंकी वहां पहुंचे और अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई आंखोंदेखी
इस हमले के बाद जब कुछ बचे हुए लोग मीडिया से बात कर रहे थे, तो उनके चेहरे पर डर और आंखों में आंसू थे। पुणे से आई पर्यटक आसावरी ने बताया कि हमलावर लोकल पुलिस की वर्दी में थे और उनके चेहरे मास्क से ढके हुए थे। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने सबसे पहले पुरुषों को निशाना बनाया और खासतौर पर हिंदू दिखने वालों को टारगेट किया।
धर्म पूछकर की गई गोलीबारी
चश्मदीदों का कहना है कि आतंकियों ने सबसे पहले धर्म पूछा और हिंदुओं को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जो लोग कलमा नहीं पढ़ सके, उन्हें वहीं गोली मार दी गई। एक लड़की ने बताया कि उसके सामने उसके पिता को तीन गोलियां मारी गईं और चाचा को भी शूट कर दिया गया। ये हमला बिल्कुल मुंबई के 26/11 जैसा था।
‘मोदी का नाम लिया, कहा हमारा मजहब खतरे में है’
एक घायल युवक ने बताया कि आतंकी बार-बार यही कह रहे थे कि “तुमने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसी की वजह से हमारा मजहब खतरे में आ गया है।” उन्होंने कई लोगों को धमकाया, और कलमा न पढ़ने पर मार दिया। उस वक्त वहां करीब 50 लोग मौजूद थे।
शादीशुदा कपल और बच्ची को भी नहीं छोड़ा
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमले में एक नया शादीशुदा जोड़ा भी फंस गया था। महिला के पति को गोली मार दी गई, वहीं पास में एक छोटी बच्ची खड़ी रो रही थी। हमलावरों की नीयत में कोई फर्क नहीं था — उनका मकसद था खौफ फैलाना और इंसानियत को रौंद देना।
घायलों को सेना ने रेस्क्यू किया
हमले के बाद भारतीय सेना और लोकल प्रशासन तुरंत एक्टिव हुआ और घायलों को पहलगाम के निचले हिस्से तक पहुंचाया गया। कुछ लोकल लोगों ने भी मदद की, वरना मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती थी। हालांकि, कई परिवारों को अब भी अपने अपनों की खबर नहीं मिली है।

- पहलगाम में पुलिस की वर्दी पहने आतंकियों ने हमला किया, 26 की मौत और 20 से ज्यादा घायल।
- आतंकियों ने हिंदुओं को कलमा पढ़ने को मजबूर किया, न पढ़ने पर गोली मारी।
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमला 26/11 की स्टाइल में किया गया।
- हमला मोदी के नाम पर और धर्म के नाम पर भड़काकर किया गया।
- सेना ने घायलों को रेस्क्यू किया, लेकिन कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।