Monday, April 28, 2025
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पहलगाम हमले पर ट्रंप का बयान-कश्मीर पर लड़ाई 1000 साल से ज्यादा पुरानी, UNSC ने कहा, आतंकियों को सजा मिल

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत में इस आतंकी हमले को “बहुत बुरा हमला” करार देते हुए भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं और अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

ट्रंप ने यह भी कहा, “कश्मीर क्षेत्र में तनाव सदियों से बना हुआ है और यह एक स्थायी संघर्ष क्षेत्र बन गया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान इस स्थिति को शांतिपूर्वक हल कर लेंगे।” उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत-पाक संबंध बेहद संवेदनशील मोड़ पर हैं, और अमेरिका की यह प्रतिक्रिया भारत के लिए कूटनीतिक समर्थन के तौर पर देखी जा रही है।

UNSC की तीखी निंदा, साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हमले को आतंकवाद की निंदनीय घटना बताते हुए, इसमें शामिल आतंकियों और साजिशकर्ताओं को जल्द से जल्द सजा दिलाने की अपील की है।

रूस, अमेरिका, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी भारत के प्रति एकजुटता दिखाते हुए बिना नाम लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। UNSC के बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “आतंकवाद का कोई भी रूप अस्वीकार्य है और इससे सख्ती से निपटना होगा।”

वैश्विक नेताओं का समर्थन, मोदी से की बातचीत

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर, नीदरलैंड्स के पीएम डिक शूफ, और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और इस हमले की कड़ी निंदा की। स्टॉर्मर ने इसे ‘बर्बर हमला’ करार देते हुए भारत के साथ मज़बूती से खड़े रहने की बात कही।

 20 सालों में सबसे बड़ा आतंकी हमला

हमला बैसरन घाटी में हुआ, जो एक मशहूर पर्यटन स्थल है। अचानक हुए अंधाधुंध हमले में 26 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। यह हमला पिछले दो दशकों में सबसे घातक बताया जा रहा है, जिसने आम नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भारत की जवाबी कार्रवाई: जल संधि भी तोड़ी, ICP बंद

भारत ने तुरंत अटारी ICP (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) को बंद करने, SAARC वीज़ा छूट योजना को निलंबित करने और भारत-पाक उच्चायोग में स्टाफ की संख्या घटाने जैसे सख्त कदम उठाए हैं। सबसे बड़ी कार्रवाई रही सिंधु जल संधि को समाप्त करना, जिससे अब पाकिस्तान को सिंधु नदी का पानी नहीं मिलेगा।

इन फैसलों से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ शब्दों में नहीं, कार्यों में भी कठोर रुख अपनाएगा।

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