भारत के ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराने के अगले ही दिन पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारी गोलीबारी शुरू कर दी। इसी हमले में हरियाणा के पलवल जिले के लांसनायक दिनेश सिंह शहीद हो गए। सेना ने पाक को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी की थी और उसी दौरान दिनेश अपने चार साथियों के साथ मोर्चे पर डटे हुए थे। गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दिनेश ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
गांव गुलाबद में उमड़ा जनसैलाब, पिता ने दी मुखाग्नि
गुरुवार को दिनेश सिंह का उनके पैतृक गांव गुलाबद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। दिल्ली से दोपहर 2 बजे उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, जहां हर कोई नम आंखों से उन्हें आखिरी विदाई देने पहुंचा। पिता दयाचंद ने खुद बेटे को मुखाग्नि दी और कहा – “मेरा एक बेटा शहीद हुआ है, दो और बेटे भी मां भारती की सेवा में हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।”
घर में पसरा मातम, पत्नी 7 महीने की गर्भवती
शहीद दिनेश की पत्नी सीमा पेशे से वकील हैं और इस वक्त 7 महीने की प्रेग्नेंट हैं। उनका एक बेटा और एक बेटी भी है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन सीमा ने कहा कि उन्हें अपने पति की शहादत पर गर्व है। दिनेश अपने पांच भाइयों में सबसे बड़े थे और घर के मजबूत स्तंभ माने जाते थे।
दो भाई सेना में, एक खेती में पिता का सहारा
दिनेश के दो छोटे भाई कपिल और हरदत्त भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती हो चुके हैं। कपिल अभी जम्मू में तैनात हैं और हरदत्त जबलपुर में पोस्टेड हैं। तीसरे भाई पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहा है जबकि सबसे छोटा भाई विष्णु खेती में पिता का साथ देता है। पिता दयाचंद ने कहा – “सेना में दो बेटे पहले से हैं, देश सेवा हमारा धर्म है।”
पलवल ने खोया एक सपूत, मगर हौसला कायम
हरियाणा के पलवल ने अपना एक जांबाज़ बेटा खो दिया, लेकिन दिनेश की शहादत ने पूरे गांव को एकजुट कर दिया है। लोग कह रहे हैं – “ऐसे बेटे हर घर में हों, तो दुश्मन की हिम्मत नहीं कि हमारे देश की ओर आंख उठाकर देखे।”

- ऑपरेशन सिंदूर के अगले दिन पुंछ में पाक गोलीबारी में लांसनायक दिनेश शहीद हुए।
- गांव गुलाबद में दिनेश को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
- शहीद की पत्नी सीमा 7 महीने की गर्भवती हैं और उनके दो छोटे बच्चे हैं।
- परिवार के दो और बेटे सेना में हैं, पिता ने कहा- देश सेवा से पीछे नहीं हटेंगे।
- पलवल में गम का माहौल, लेकिन शहीद की शहादत पर पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।