नेशनल ब्रेकिंग. मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रॉविडेंट फंड क्लेम सेटलमेंट के लिए 8 करोड़ से ज्यादा आवेदन प्राप्त किए हैं। इनमें से लगभग 6 करोड़ क्लेम का सेटलमेंट किया गया और ईपीएफओ खाताधारकों को कुल 4.31 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
लोकसभा में सवाल का जवाब देते हुए श्रम मंत्री का बयान
हाल ही में लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान श्रम और रोजगार मंत्री से यह सवाल पूछा गया कि पिछले 10 वर्षों में दो महीने से ज्यादा बेरोजगारी की स्थिति में प्रॉविडेंट फंड रकम की पूरी निकासी के लिए ईपीएफओ को कितने आवेदन मिले और उन्हें कितने क्लेम का सेटलमेंट किया गया। इस पर श्रम मंत्री शोभा करांडलाजे ने 7 मार्च 2025 तक के आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि ईपीएफओ को इस दौरान कुल 8,02,09,323 क्लेम के आवेदन मिले, जिनमें से 60,000,923 क्लेम का सेटलमेंट किया गया है और इनसे 4,31,513.46 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
कोविड-19 के दौरान ईपीएफओ ने लॉन्च की एडवांस फैसिलिटी
श्रम मंत्री ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान 2019-20 से लेकर 2024-25 तक, ईपीएफओ ने प्रॉविडेंट फंड विड्रॉल के लिए 3,10,79,861 आवेदन प्राप्त किए थे। इनमें से 2,55,69,397 क्लेम का सेटलमेंट किया गया और खाताधारकों को 54,162.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यह कदम लॉकडाउन के दौरान लिया गया था, जब लोगों को वित्तीय सहायता की आवश्यकता थी।
ईपीएफओ की सदस्यता में भारी वृद्धि
साथ ही श्रम मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 10 सालों में ईपीएफओ मेंबर खातों की संख्या 11.78 करोड़ से बढ़कर 32.56 करोड़ हो गई है। इसके साथ ही, ईपीएफओ ने हाल के दिनों में ब्याज भुगतान के नियमों में भी बड़े बदलाव किए हैं और प्रॉविडेंट फंड क्लेम को तेजी से प्रोसेस किया जा रहा है।