Monday, April 28, 2025
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‘वक्फ संशोधन बिल’ बना कानून, राष्ट्रपति की मंजूरी: अब सरकार तय करेगी लागू करने की तारीख

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर शाम वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यह विधेयक अब कानून बन गया है। केंद्र सरकार ने इसकी आधिकारिक जानकारी एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी, जिसमें बताया गया कि इस कानून को लागू करने की तारीख बाद में नोटिफाई की जाएगी।

लोकसभा में यह विधेयक 2 अप्रैल को और राज्यसभा में 3 अप्रैल को लंबी चर्चा के बाद पारित हुआ था। लोकसभा में 288 सांसदों ने इसके समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला, वहीं राज्यसभा में 128 सदस्यों ने पक्ष में और 95 ने विपक्ष में मतदान किया।

सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं

वक्फ संशोधन कानून को लेकर तीन अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। ये याचिकाएं कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दायर की हैं।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण है और यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिकाओं में इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है।

सरकार की दलील: वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता के लिए जरूरी

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इस कानून का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अवैध कब्जों को रोकना है। उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और वक्फ से जुड़ी गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण रहेगा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान: करेंगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन कानून का तीखा विरोध किया है। शनिवार शाम जारी दो पेज के बयान में AIMPLB ने कहा कि वह सभी धार्मिक, सामाजिक और समुदाय-आधारित संगठनों के साथ मिलकर एक राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान चलाएगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक संशोधन वापस नहीं लिए जाते।

विपक्ष का हमला: संविधान के खिलाफ बताया गया कानून

विपक्षी नेताओं ने इस कानून को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है:

  • राहुल गांधी ने कहा कि यह कानून मुसलमानों पर सीधा हमला है और भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने की नींव रखता है। उन्होंने आरोप लगाया कि RSS अब कैथोलिक चर्च की संपत्तियों की ओर ध्यान देने लगा है।
  • मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया कि वक्फ की जमीन आखिर किसे दी जाएगी? उन्होंने आरोप लगाया कि इसे व्यापारियों को सौंपा जाएगा और यह संविधान के खिलाफ है।
  • महबूबा मुफ्ती ने इसे ‘अल्पसंख्यक संस्थाओं पर डाका’ बताया और कहा कि इस तरह का कानून पारित करना अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है।
  • रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि भाजपा को मुसलमानों के लिए बोलने का कोई नैतिक या राजनीतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने इसे ‘बहुसंख्यकवाद का अंधकारमय युग’ बताया, जहां अल्पसंख्यकों की चिंताओं को दरकिनार किया जा रहा है।

📌 वक्फ संशोधन कानून: क्या है मूल विवाद?

वक्फ संपत्तियां देश में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ी होती हैं। इन पर नियंत्रण और उपयोग के नियमों को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। सरकार का दावा है कि संशोधन से पारदर्शिता आएगी, जबकि विरोधी इसे मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता पर हमला मान रहे हैं।

खबर की बड़ी बातें

  1. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को मंजूरी दे दी, जिससे यह कानून बन गया है। गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, लेकिन इसकी लागू होने की तारीख केंद्र सरकार बाद में घोषित करेगी।
  2. लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को क्रमशः 2 और 3 अप्रैल को लंबी बहस के बाद पारित किया गया। लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसका समर्थन किया।
  3. कांग्रेस, AIMIM और AAP नेताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, आरोप है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
  4. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों ने इस कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है और इसे रद्द करने की मांग की है।
  5. विपक्षी नेताओं ने इसे अल्पसंख्यकों पर हमला बताया है, जबकि सरकार का दावा है कि यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए जरूरी है।
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