Monday, April 28, 2025
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राजस्थान के बिजलीघरों में नहीं होगी कोयले की कमी! छत्तीसगढ़ की ‘परसा’ खदान में खनन शुरू, जल्द खुलेगा ‘केंटे एक्सटेंशन’ ब्लॉक

राजस्थान में बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। छत्तीसगढ़ की ‘परसा’ खदान में खनन कार्य शुरू हो चुका है, जिससे राज्य में बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अब बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आएगी।

राजस्थान को आवंटित तीन खदानों में दो से हो रही आपूर्ति

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को केंद्र सरकार ने तीन कोयला खदानें आवंटित की थीं – ‘परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी)’, ‘परसा’ और ‘केंटे एक्सटेंशन’। अब तक केवल पीईकेबी खदान से ही कोयला आपूर्ति हो रही थी, लेकिन अब ‘परसा’ खदान से भी खनन शुरू हो गया है। इससे राजस्थान के 4340 मेगावाट क्षमता वाले तापीय विद्युत गृहों को कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

‘केंटे एक्सटेंशन’ ब्लॉक से भी जल्द निकलेगा कोयला

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरगुजा जिले में स्थित ‘केंटे एक्सटेंशन’ खदान से भी जल्द खनन शुरू करने की योजना है। राजस्थान सरकार इसके लिए केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से प्रयासरत है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्य सरकार इस खदान से कोयला निकालने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है।

राजस्थान को होगी कोयले की स्थिर आपूर्ति

‘परसा’ खदान से खनन शुरू होने के बाद राजस्थान के बिजलीघरों को राहत मिलेगी, क्योंकि इससे कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। अब सरकार की निगाहें ‘केंटे एक्सटेंशन’ खदान पर टिकी हैं, जिससे आने वाले समय में राज्य के बिजलीघरों को और अधिक कोयले की आपूर्ति मिल सकेगी।

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  1. राजस्थान सरकार ने बिजलीघरों की कोयले की जरूरत पूरी करने के लिए छत्तीसगढ़ की ‘परसा’ खदान में खनन शुरू कर दिया है।
  2. राज्य को कुल तीन कोयला खदानें आवंटित की गई हैं, जिनमें से ‘पीईकेबी’ और ‘परसा’ में खनन कार्य चालू हो चुका है।
  3. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि तीसरी खदान ‘केंटे एक्सटेंशन’ से भी जल्द कोयले की आपूर्ति शुरू करने की कोशिश जारी है।
  4. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से ‘केंटे एक्सटेंशन’ ब्लॉक के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
  5. इससे राजस्थान में बिजली उत्पादन को स्थिर रखने और संभावित ऊर्जा संकट को रोकने में मदद मिलेगी।
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