राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले राजकुमार जाट की गुजरात के गोंडल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले राजकुमार जाट की गुजरात के गोंडल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
बुधवार को बाड़मेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने संसद में यह मुद्दा उठाया और सीबीआई जांच की मांग की। उनका आरोप है कि गुजरात पुलिस इस मामले में लापरवाही बरत रही है और इसे सड़क दुर्घटना साबित करने की कोशिश कर रही है, जबकि मृतक के शरीर पर 48 गंभीर चोटों के निशान मिले हैं।
बुधवार को बाड़मेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने संसद में यह मुद्दा उठाया और सीबीआई जांच की मांग की। उनका आरोप है कि गुजरात पुलिस इस मामले में लापरवाही बरत रही है और इसे सड़क दुर्घटना साबित करने की कोशिश कर रही है, जबकि मृतक के शरीर पर 48 गंभीर चोटों के निशान मिले हैं।
हत्या या सड़क दुर्घटना? 16 दिन बाद भी FIR नहीं
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के झबरकिया गांव निवासी राजकुमार जाट गुजरात के राजकोट (गोंडल) में अपने पिता के साथ रहते थे। वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और साथ ही अपने पिता के व्यवसाय में मदद करते थे।
4 मार्च को राजकुमार अचानक लापता हो गए। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने तलाश में ढिलाई बरती। 9 मार्च को उनका शव राजकोट हाईवे पर मिला, जिसे पुलिस ने सड़क हादसा बताने की कोशिश की।
सांसद ने संसद में उठाई CBI जांच की मांग
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा-
“गुजरात पुलिस इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों को बचाने और सबूत मिटाने की कोशिश कर रही है। अगर यह सड़क हादसा था तो मृतक के शरीर पर 48 चोटों के निशान कैसे मिले? 16 दिन बाद भी पुलिस ने FIR तक दर्ज नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस मामले में तत्काल दखल दें। केवल CBI जांच से ही इस केस में निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकता है।”
पूर्व विधायक के परिवार पर हत्या का आरोप
परिजनों का आरोप है कि गोंडल में पूर्व विधायक जयराज सिंह जडेजा के परिवार के साथ किसी बात पर बहस हुई थी, जिसके बाद राजकुमार जाट के साथ मारपीट की गई। परिवार का दावा है कि मारपीट के कारण ही उसकी हत्या की गई और इसे हादसे का रूप देने की कोशिश की गई।
अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या गुजरात पुलिस इस केस में निष्पक्ष जांच करती है या नहीं। फिलहाल, पीड़ित परिवार न्याय की आस में दर-दर भटक रहा है।