भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठकों का शेड्यूल जारी कर दिया है। ये बैठकें हर दो महीने में होती हैं और तीन दिनों तक चलती हैं। आखिरी दिन प्रमुख नीतिगत निर्णयों की घोषणा की जाती है। वित्तीय अनिश्चितता के समय RBI अतिरिक्त बैठकें भी आयोजित कर सकता है।
RBI MPC बैठक का पूरा शेड्यूल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक 7 से 9 अप्रैल, 2025 के बीच निर्धारित की है। इसके बाद अगली बैठकें निम्नलिखित तारीखों पर होंगी:
- दूसरी बैठक: 4 से 6 जून, 2025
- तीसरी बैठक: 5 से 7 अगस्त, 2025
- चौथी बैठक: 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2025
- पाँचवीं बैठक: 3 से 5 दिसंबर, 2025
- अंतिम बैठक: 4 से 6 फरवरी, 2026
इन बैठकों के दौरान मौद्रिक नीतियों में संभावित बदलाव और प्रमुख नीतिगत घोषणाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
रेपो दर और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को शॉर्ट टर्म निधि उधार देता है। यह दर अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को विनियमित करने में मदद करती है और महंगाई को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता महंगाई पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका लक्ष्य महंगाई को 4 फीसदी के अपने मध्यम अवधि के लक्ष्य के 2 फीसदी अंक के भीतर रखना है।
आगामी बैठकों में रेपो दर और अन्य बेंचमार्क दरों में बदलाव की संभावनाओं को लेकर निवेशकों और बैंकों की नजरें टिकी रहेंगी। वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए इन बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय बेहद महत्वपूर्ण होंगे।