हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने रेवाड़ी के भालखी माजरा गांव निवासी शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के परिवार से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की। मंत्री ने परिजनों को सांत्वना देते हुए प्रदेश सरकार की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ जैसे बहादुर जवान देश की असली ताकत हैं और उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
अंतिम उड़ान में दिखाई असाधारण बहादुरी
2 अप्रैल की रात भारतीय वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर थे, जब उनका जगुआर विमान तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। संकट की उस घड़ी में सिद्धार्थ ने पहले अपने को-पायलट को सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की और फिर विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले गए। इस प्रयास में उन्होंने सैकड़ों नागरिकों की जान बचाई लेकिन खुद अपनी जान गंवा दी।
रेवाड़ी एम्स को मिलेगा नया नाम
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए घोषणा की कि रेवाड़ी में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का नाम अब शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सिद्धार्थ की असाधारण वीरता और बलिदान को चिरस्मरणीय बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
युवा पीढ़ी को प्रेरणा देगा नामकरण
मंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को सरकार की ओर से हर संभव समर्थन मिलेगा और रेवाड़ी एम्स का नाम जल्द ही आधिकारिक रूप से बदलकर सिद्धार्थ यादव के नाम पर रखा जाएगा। इससे आने वाली पीढ़ियां उनके साहस और सेवा-भाव से प्रेरणा ले सकेंगी।
परिवार को मिला सरकार का समर्थन
परिवार से मिलकर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार शहीद के परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेगी और उनकी वीरता को उचित सम्मान देने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी। गांव में गमगीन माहौल के बीच इस घोषणा ने लोगों में गर्व और सम्मान की भावना को और मजबूत किया।

- फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव ने तकनीकी खराबी के बावजूद को-पायलट की जान बचाई और खुद शहीद हो गए।
- हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने शहीद के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
- मंत्री ने ऐलान किया कि रेवाड़ी में बन रहे AIIMS का नाम सिद्धार्थ यादव के नाम पर रखा जाएगा।
- सरकार का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी सिद्धार्थ की बहादुरी से प्रेरणा ले सके।
- परिवार को सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग और सम्मान देने का आश्वासन मिला।