गुरुग्राम जमीन घोटाले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को वह लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे। खास बात ये रही कि इस बार उन्हें छोड़ने खुद प्रियंका गांधी ED कार्यालय तक आईं।
पेशी से पहले वाड्रा ने एक बयान में कहा, “मैं सॉफ्ट टारगेट नहीं हूं। कोई मुझे दबाएगा तो मैं और मजबूत बनकर सामने आऊंगा। हम जनता के लिए आवाज उठाते हैं, इसलिए टारगेट किए जाते हैं।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संसद में रोका जाए या उन्हें बाहर—वो पीछे हटने वाले नहीं हैं।
ED की पूछताछ लगातार जारी, पहले दिन छह घंटे सवाल-जवाब
मंगलवार को भी रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग छह घंटे तक पूछताछ की थी। उस दिन वह अकेले पैदल ही दफ्तर पहुंचे थे। यह मामला राजनीतिक गलियारों में गरमाया हुआ है, क्योंकि इसे विपक्ष “राजनीतिक प्रतिशोध” बता रहा है।
बुधवार की पेशी से पहले वाड्रा ने खुलकर कहा कि ये कार्रवाई राजनीतिक मकसद से की जा रही है, और यह सरकार की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
जमीन सौदे में बड़ा मुनाफा, हुड्डा सरकार पर लाभ पहुंचाने के आरोप
गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव की जमीन का यह मामला साल 2008 से जुड़ा है, जब रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी।
इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार ने इसी जमीन में से 2.7 एकड़ पर व्यावसायिक कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस जारी किया। फिर, कॉलोनी बनाए बिना ही यह जमीन DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई, जिससे लगभग 50 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
IAS अधिकारी ने सौदे में गड़बड़ी बताई, म्यूटेशन रद्द हुआ
2012 में तत्कालीन भूमि पंजीकरण निदेशक अशोक खेमका ने इस डील को नियमों के खिलाफ बताया और म्यूटेशन रद्द कर दिया। खेमका ने साफ तौर पर कहा कि जमीन का लाइसेंस नियमों के विपरीत जारी किया गया। इसके कुछ ही समय बाद उनका तबादला कर दिया गया, जिससे मामला और ज्यादा विवादों में आ गया।
FIR से कोर्ट तक मामला अब ED के शिकंजे में
2018 में हरियाणा पुलिस ने रॉबर्ट वाड्रा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, DLF और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ FIR दर्ज की। इसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
IPC की धाराओं 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज हुआ, बाद में धारा 423 भी जोड़ी गई। अब यह मामला ED की निगरानी में है और जांच लगातार तेज होती जा रही है।

- रॉबर्ट वाड्रा बुधवार को लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए, जहां उनसे गुरुग्राम लैंड स्कैम केस में पूछताछ की गई।
- वाड्रा ने कहा कि वह “सॉफ्ट टारगेट” नहीं हैं, और किसी भी दबाव में झुकेंगे नहीं—बल्कि और मजबूत बनेंगे।
- फरवरी 2008 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी थी और उसी साल DLF को 58 करोड़ में बेची, जिससे 50 करोड़ का लाभ हुआ।
- तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर इस डील में वाड्रा की कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है।
- 2018 में इस सौदे को लेकर FIR दर्ज की गई थी और अब ED द्वारा लगातार पूछताछ की जा रही है, जिससे राजनीतिक हलकों में मामला गर्म है।