Monday, April 28, 2025
spot_img
Homeराज्यजगुआर क्रैश में शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का सैन्य सम्मान के...

जगुआर क्रैश में शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, हजारों लोगों ने दी नम आंखों से विदाई

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के भालखी माजरा गांव में शुक्रवार को शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सुबह करीब 9 बजे जब उनका पार्थिव शरीर उनके सेक्टर-18 स्थित घर पहुंचा, तो लोगों की आंखें नम हो गईं। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी—सिद्धार्थ ने जो किया, वो कोई आम इंसान नहीं कर सकता।

परिवार का इकलौता बेटा, देश को समर्पित किया जीवन

28 वर्षीय सिद्धार्थ अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। 23 मार्च को ही उनकी सगाई हुई थी और 2 नवंबर को शादी की तारीख तय थी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। 31 मार्च को वह ड्यूटी पर लौटे और 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर विमान क्रैश में शहीद हो गए।

आखिरी पल तक निभाया फर्ज, साथी की जान बचाकर खुद शहीद हुए

शहीद सिद्धार्थ यादव ने हादसे से ठीक पहले अपने साथी पायलट मनोज कुमार को इजेक्ट कर जान बचाई और फिर विमान को घनी आबादी से दूर ले जाकर एक खाली जगह पर क्रैश कराया। उनकी इस वीरता की पूरे देश में चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है, “ऐसे बेटे पर हर भारतवासी को गर्व है।”

NDA से लेकर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तक का सफर

सिद्धार्थ ने 2016 में NDA पास किया और तीन साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद फाइटर पायलट बने। मेहनत और लगन ने उन्हें दो साल पहले फ्लाइट लेफ्टिनेंट बना दिया। छोटी उम्र में उन्होंने बड़ा मुकाम हासिल किया, लेकिन किस्मत ने उन्हें जल्द ही हमसे छीन लिया।

सपनों का घर बना अब सूना

पिता सुशील यादव ने बेटे की शादी के लिए सेक्टर-18 में नया घर बनवाया था। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था। मां की आंखों से आंसू थम नहीं रहे और बहन खुशी का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा गांव गमगीन है।

सेना से चार पीढ़ियों का रिश्ता

सिद्धार्थ के परदादा बंगाल इंजीनियर्स में थे, दादा पैरामिलिट्री फोर्स में, पिता वायुसेना में सेवा दे चुके हैं। अब एलआईसी में काम करते हैं। सिद्धार्थ इस सैन्य परंपरा की चौथी पीढ़ी थे, जिन्होंने देश सेवा को अपना धर्म माना और उसी में अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  1. फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार उनके गांव भालखी माजरा (रेवाड़ी, हरियाणा) में सैन्य सम्मान के साथ शुक्रवार को किया गया।
  2. जगुआर विमान हादसे में 2 अप्रैल को शहीद हुए सिद्धार्थ ने अपने साथी पायलट की जान बचाकर खुद शहादत दी।
  3. 28 वर्षीय सिद्धार्थ अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और 23 मार्च को सगाई कर चुके थे, 2 नवंबर को शादी तय थी।
  4. शहीद के पिता, दादा और परदादा सभी सेना या सुरक्षाबलों में सेवा दे चुके हैं — देश सेवा की चौथी पीढ़ी।
  5. NDA पास करने के बाद तीन साल की कठिन ट्रेनिंग से फाइटर पायलट बने और बाद में फ्लाइट लेफ्टिनेंट का दर्जा हासिल किया।
अन्य खबरें