हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव के 24 वर्षीय युवक मनीष का शव सिंगापुर के मरीना बे समुद्र किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। मनीष पिछले सात महीनों से सिंगापुर में वर्क परमिट पर काम कर रहा था। सोमवार को उसके साथ रहने वाले यमुनानगर के युवक ने परिजनों को फोन कर बताया कि मनीष का शव समुद्र में तैरता मिला है। यह खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
रविवार को पैसे भेजने वाला था मनीष
मनीष के ताऊ रघुवीर के मुताबिक, मनीष से शनिवार को बात हुई थी। उसने बताया था कि वह रविवार को भारत में अपने परिवार को पैसे भेज देगा। लेकिन सोमवार को उसकी मौत की सूचना मिली। परिवार के पास यह भी जानकारी नहीं है कि मनीष को आखिर वहां कौन और क्यों लेकर गया था। यह मौत एक रहस्य बनी हुई है और परिवार पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
कर्ज लेकर भेजा था विदेश, अब टूटा परिवार
मनीष के परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब है। उसके पिता भीम सिंह बुजुर्ग हैं और अब कोई काम नहीं करते। मां सुमन गृहिणी हैं। मनीष की एक बहन और एक छोटा भाई है। परिवार ने लाखों रुपये का कर्ज लेकर मनीष को सिंगापुर भेजा था, ताकि घर की आर्थिक स्थिति सुधरे। लेकिन अब बेटे की मौत ने उनके सारे सपने तोड़ दिए हैं।
इकलौता कमाने वाला था मनीष
गांव के निवासी संदीप ने बताया कि मनीष परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसके दम पर ही पूरा घर चल रहा था। उसकी मौत के बाद अब परिवार के पास न तो आर्थिक सहारा है और न ही कोई उम्मीद। परिवार चाहता है कि मनीष का शव भारत लाया जाए ताकि उनका बेटा अपने देश की मिट्टी में अंतिम विश्राम पा सके।
सरकार से शव वापसी और रोजगार की मांग
परिजनों ने भारत सरकार और हरियाणा प्रशासन से अपील की है कि मनीष की डेडबॉडी को भारत लाने में मदद की जाए। साथ ही, उन्होंने सरकार से रोजगार की भी मांग की है, जिससे इस दुखी परिवार को दो वक्त की रोटी मिल सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो पाएगी, लेकिन फिलहाल परिवार का दर्द हर किसी की आंखों में आंसू ला रहा है।

1. करनाल के मनीष का शव सिंगापुर के मरीना बे में संदिग्ध हालात में मिला।
2. युवक सात महीने पहले वर्क परमिट पर सिंगापुर गया था, रविवार को पैसे भेजने वाला था।
3. परिवार ने कर्ज लेकर विदेश भेजा था, अब बेटे की मौत से गहरे सदमे में है।
4. मनीष के पिता बुजुर्ग हैं और परिवार का पूरा भार उसी पर था।
5. परिजनों ने सरकार से शव भारत लाने और रोजगार की व्यवस्था करने की मांग की है।