2008 मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा आखिरकार भारत प्रत्यर्पित होने जा रहा है। उसे आज भारत लाया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रॉ (RAW) की संयुक्त टीम अमेरिका में मौजूद है और राणा को भारत लाने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है। सोमवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।
राणा ने अपनी याचिका में पार्किंसन की बीमारी और भारत में प्रताड़ना का खतरा जैसे तर्क दिए थे, मगर कोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया। इससे पहले सैन फ्रांसिस्को की अदालत और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी राणा की अपीलों को एक के बाद एक खारिज किया।
FBI ने 2009 में किया था गिरफ्तार, लश्कर-ए-तैयबा से लिंक साबित
तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर अमेरिका में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने का आरोप साबित हुआ। राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था और अब उसे भारत लाकर मुंबई हमले की चार्जशीट के तहत कानूनी कार्यवाही का सामना करना होगा।
मुंबई हमलों की पृष्ठभूमि: चार दिन चला था आतंक का तांडव
26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने सिलसिलेवार हमले किए थे। ये हमले ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरीमन हाउस जैसी जगहों पर हुए, जिनमें 175 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए थे। इन हमलों में 9 आतंकी मारे गए थे, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया।
चार्जशीट में खुलासा: राणा ने खोला था हेडली के लिए ऑफिस
405 पन्नों की चार्जशीट में तहव्वुर राणा का नाम आरोपी के रूप में दर्ज है। रिपोर्ट के अनुसार, वह पाकिस्तान की ISI और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था और हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को पूरी मदद दे रहा था।
राणा ने ही हेडली को मुंबई में “फर्स्ट वर्ल्ड” नाम से ऑफिस खोलने में मदद की थी। यही ऑफिस आतंकी गतिविधियों की आड़ बना। हेडली ने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के बहाने मुंबई का दौरा किया और ताज होटल, CST स्टेशन जैसी लोकेशंस की रेकी की, जहां बाद में हमले हुए।
अमेरिकी सरकार का बयान: राणा की भूमिका स्पष्ट रूप से साबित
अमेरिकी सरकार ने कहा कि हेडली के बयान, ईमेल और डॉक्यूमेंट्स से ये स्पष्ट हुआ है कि राणा ने मुंबई में फर्जी ऑफिस खोलने के लिए दस्तावेज बनवाए और भारत आने के लिए वीजा संबंधी सलाह भी दी। यही नहीं, वह हमले की पूरी योजना में हेडली के साथ शामिल था।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी, अब भारत में होगी जांच
13 नवंबर 2024 को तहव्वुर राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी, जिसे 21 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया गया। अब दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत लाया जा रहा है, जहां NIA उसकी भूमिका की विस्तार से जांच करेगी और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

- तहव्वुर हुसैन राणा, 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी, आज अमेरिका से भारत लाया जाएगा।
- NIA और RAW की जॉइंट टीम अमेरिका में प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी कर चुकी है।
- राणा की अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो चुकी है, जिसमें उसने पार्किंसन बीमारी और प्रताड़ना के खतरे की दलील दी थी।
- चार्जशीट में बताया गया है कि राणा ने डेविड हेडली को मुंबई में फर्जी ऑफिस खोलने, वीजा दिलाने और आतंकी योजना छुपाने में मदद की।
- अब भारत में राणा के खिलाफ NIA द्वारा जांच और कानूनी कार्यवाही शुरू होगी, जो लश्कर-ए-तैयबा और ISI कनेक्शन को उजागर करेगी।