2008 के मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा आखिरकार भारत लाया जा चुका है। अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतरा, जहां से उसे कड़ी सुरक्षा के बीच सीधे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय ले जाया गया। इस विशेष ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अमेरिकी और भारतीय एजेंसियों ने कई महीनों की रणनीति और समन्वय के बाद कार्रवाई की।
अमेरिका से प्रत्यर्पण की जटिल प्रक्रिया पूरी
राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आसान नहीं थी। भारत और अमेरिका के बीच हुए प्रत्यर्पण समझौते के तहत उसे अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। इस दौरान उसने खुद को पार्किंसन रोगी बताते हुए भारत न भेजे जाने की मांग की थी, लेकिन अमेरिकी अदालतों ने सभी दलीलों को खारिज कर दिया। राणा के प्रत्यर्पण के लिए NIA और RAW की संयुक्त टीम अमेरिका गई थी।
दिल्ली में हाई अलर्ट, सुरक्षा के सख्त इंतजाम
राणा के आगमन को लेकर दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सतर्क रखा गया और एयरपोर्ट पर SWAT कमांडो तैनात किए गए। पालम एयरपोर्ट के बाहर CAPF की सुरक्षा विंग और स्थानीय पुलिस को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। NIA मुख्यालय के आसपास भी सुरक्षा घेरा मजबूत किया गया है।
अदालत में पेशी से पहले मेडिकल परीक्षण
राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखने की तैयारी की गई है। हालांकि, किस वार्ड में रखा जाएगा इसका निर्णय कोर्ट के आदेश के बाद होगा। उससे पहले उसका मेडिकल परीक्षण किया जाएगा और फिर उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
पाकिस्तान ने राणा से झाड़ा पल्ला
पाकिस्तान ने राणा को अपना नागरिक मानने से इंकार कर दिया है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने बताया कि राणा के पास कनाडा की नागरिकता है और उसने अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को दो दशक से रिन्यू नहीं कराया। पाकिस्तान का यह रुख भारत की कानूनी प्रक्रिया में सहायक हो सकता है।

- तहव्वुर राणा को अमेरिका से विशेष विमान द्वारा दिल्ली लाया गया।
- उसे पालम एयरपोर्ट से सीधे NIA मुख्यालय ले जाया गया।
- दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित, एयरपोर्ट पर SWAT कमांडो तैनात।
- राणा को तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा जाएगा।
- पाकिस्तान ने राणा को पाकिस्तानी नागरिक मानने से इंकार किया।