6/11 मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को उससे पहली बार पूछताछ की। यह पूछताछ करीब तीन घंटे तक चली लेकिन इसमें तहव्वुर राणा से कोई ठोस जानकारी नहीं निकल सकी। एनआईए सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने लगभग हर सवाल पर या तो “मुझे याद नहीं” कहा या फिर “मुझे पता नहीं” बोलकर बात टाल दी।
पूछताछ में नहीं मिला सहयोग, बीमारी का दिया हवाला
पूछताछ के दौरान राणा ने बार-बार अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए सवालों से बचने की कोशिश की। सूत्रों की मानें तो एनआईए ने राणा से उसके परिवार, दोस्तों और व्यापारिक नेटवर्क के बारे में जानकारी लेनी चाही, लेकिन राणा ने सहयोग नहीं किया। वह बार-बार जवाब देने से कतराता रहा और कई सवालों पर चुप्पी साधे रहा।
एनआईए ने 12 अधिकारियों की टीम बनाई, कैमरों से निगरानी
राणा से पूछताछ के लिए एनआईए ने एक 12 सदस्यीय विशेष टीम बनाई है। इस टीम ने सुबह करीब 12 बजे पूछताछ शुरू की। पूछताछ का स्थल उच्च निगरानी में था, जहां दो कैमरे लगाए गए थे ताकि पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग हो सके। यह एनआईए की रणनीति का हिस्सा है, ताकि बाद में राणा के बयान और हावभाव का विश्लेषण किया जा सके।
आतंकी नेटवर्क और हैंडलर्स को लेकर सवाल
एनआईए की प्राथमिक कोशिश राणा से यह जानने की है कि उसका पाकिस्तानी हैंडलर कौन था, और आतंकवाद के लिए उसे फंडिंग कहां से मिल रही थी। इसके साथ ही एजेंसी यह भी जानना चाहती है कि स्लीपर सेल में किन-किन लोगों की भूमिका थी। तहव्वुर राणा की ट्रेवल एजेंसी का भी गहन विश्लेषण किया जा रहा है, जो आतंकियों की गतिविधियों को छुपाने का जरिया बनी हुई थी।
बिजनेस पार्टनर की भूमिका पर भी नजर
राणा की ट्रेवल एजेंसी के नाम पर चल रही आतंकी गतिविधियां सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई शहरों में फैली हुई थीं। एनआईए अब इस एजेंसी में शामिल उसके बिजनेस पार्टनर की भूमिका को खंगाल रही है। यह माना जा रहा है कि ये पार्टनर आतंकी साजिशों के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। राणा के साथ मिलकर उन्होंने आतंकियों को सहायता पहुंचाई।

- तहव्वुर राणा से एनआईए ने पूछताछ का पहला दिन सिर्फ तीन घंटे में निपटाया।
- राणा ने अधिकतर सवालों पर “याद नहीं” और “पता नहीं” जैसे जवाब दिए।
- पूछताछ में सहयोग नहीं मिला, बार-बार बीमारी का हवाला दिया।
- एनआईए ने 12 अधिकारियों की टीम बनाई और कैमरे से पूछताछ रिकॉर्ड की।
- ट्रेवल एजेंसी और बिजनेस पार्टनर की भूमिका की भी गहन जांच जारी है।