भारत में तुर्की के नए राजदूत अली मूरत एर्सॉय की क्रेडेंशियल सेरेमनी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस औपचारिक कार्यक्रम को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया है। इसे सरकार का एक बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है क्योंकि भारत-तुर्की रिश्तों में हाल के दिनों में खटास बढ़ी है।
राष्ट्रपति को देना था परिचय पत्र
अली मूरत एर्सॉय को भारत में तुर्की का नया राजदूत नियुक्त किया गया था और उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना परिचय पत्र सौंपना था। इसी प्रक्रिया को कूटनीतिक भाषा में ‘क्रेडेंशियल सेरेमनी’ कहा जाता है। इस समारोह में थाईलैंड, कोस्टा रिका, सेंट किट्स और नेविस के राजनयिक भी मौजूद रहने वाले थे, जिनका परिचय भी होना था।
सेलेबी एयरपोर्ट कंपनी की मंजूरी भी रद्द
दिलचस्प बात ये है कि उसी दिन भारत के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी भी रद्द कर दी। इस कंपनी की पैरेंट कंपनी सेलेबी एविएशन होल्डिंग तुर्की की है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा फैसला माना जा रहा है।
तुर्की के ड्रोन्स पर भारत की चिंता
भारत-तुर्की संबंधों में तनाव की असली वजह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सामने आई जब यह पता चला कि पाकिस्तान भारत पर हमले के लिए तुर्की में बने ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा था। इसके बाद भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने तुर्की से व्यापार और पर्यटन को लेकर नाराजगी जताई।
भारत ने तुर्की को दिए सबूत
सरकार ने हाल ही में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले और उसके दौरान पाकिस्तान को तुर्की से मिल रही कूटनीतिक और सैन्य मदद के पुख्ता सबूत भारत ने तुर्की को दे दिए हैं। विदेश मंत्रालय को उम्मीद है कि तुर्की इस मसले पर गंभीरता से विचार करेगा।

- अली मूरत एर्सॉय की क्रेडेंशियल सेरेमनी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई।
- कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में होना था, जहां उन्हें अपना परिचय पत्र देना था।
- उसी दिन तुर्की की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी भी रद्द की गई।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के ड्रोन्स को लेकर भारत में चिंता गहराई।
- भारत ने तुर्की को पाकिस्तान से नजदीकी के सबूत सौंपे, जवाब का इंतज़ार है।