रेलवे की सुरक्षा एजेंसी आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। मालदा डिवीजन के डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि पथराव करने वालों की पहचान की जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोषियों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हो चुकी हैं वंदे भारत पर हमले की घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब वंदे भारत एक्सप्रेस पर इस तरह का हमला हुआ है। अक्टूबर 2023 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी वंदे भारत पर पत्थर फेंके गए थे। उस समय वाराणसी-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन जब पनकी स्टेशन के पास पहुंची, तब कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया, जिससे C-7 कोच की खिड़की क्षतिग्रस्त हो गई थी। उस घटना में भी यात्री डर के मारे अपनी सीटों के नीचे छिप गए थे।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर उठे सवाल
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने रेलवे प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। लाखों की लागत से बनी आधुनिक और हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन को बार-बार नुकसान पहुंचाया जाना न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि सरकारी संपत्ति को भी हानि पहुंचाता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जा रहा है।