केंद्र सरकार के नए वक्फ कानून के विरोध की लहर अब देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों तक पहुंच गई है। रविवार शाम को दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में इस कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने वक्फ कानून की कॉपी जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
मोदी-शाह के खिलाफ लगे तीखे नारे
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ तीखी नारेबाजी की। ‘मोदी-शाह हो बर्बाद’ जैसे नारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों को मुस्लिम विरोधी बताया और इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया।
NSUI, PSA और CRJD एक मंच पर
इस विरोध प्रदर्शन की खास बात यह रही कि इसमें विभिन्न छात्र संगठनों ने एकजुट होकर भाग लिया। कांग्रेस से संबद्ध NSUI, वामपंथी PSA और राष्ट्रीय जनता दल का छात्र संगठन CRJD एक मंच पर आए। इन संगठनों ने मिलकर ‘फ्रेटरनिटी मूवमेंट’ के तहत प्रदर्शन को आयोजित किया।
मस्जिदों और कब्रगाहों के अधिकारों पर चिंता
प्रदर्शन में भाग लेने वाले छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाया कि नया वक्फ कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थलों—मस्जिदों और कब्रगाहों—पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश है। छात्रों का कहना है कि यह कानून समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है।
कानून वापस लेने की मांग
छात्र संगठनों ने सरकार से अपील की है कि जिस तरह से कृषि कानूनों को भारी विरोध के चलते वापस लिया गया था, उसी तरह वक्फ कानून को भी रद्द किया जाए। उनका कहना है कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, तब तक लोकतांत्रिक और कानूनी तरीकों से विरोध जारी रहेगा।

- जेएनयू में वक्फ कानून के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया और उसकी कॉपी जलाई गई।
- NSUI, PSA और CRJD जैसे छात्र संगठन एकजुट होकर विरोध में शामिल हुए।
- प्रदर्शनकारियों ने मोदी-शाह के खिलाफ तीखी नारेबाजी की।
- छात्रों का आरोप है कि नया वक्फ कानून मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर नियंत्रण की कोशिश है।
- छात्रों ने मांग की कि सरकार इस कानून को वापस ले, अन्यथा विरोध जारी रहेगा।