मुर्शिदाबाद के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने अचानक उग्र रूप अख्तियार कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया और ट्रेनों पर पथराव शुरू कर दिया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल खंड पर ट्रेन सेवाएं पूरी तरह बाधित हो गईं। हिंसा की गंभीरता को देखते हुए 53029 अजीमगंज-भागलपुर और 53435 कटवा-अजीमगंज पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जबकि पांच अन्य ट्रेनों को रूट बदलकर चलाया गया।
बीएसएफ की तैनाती, स्थिति तनावपूर्ण
शमशेरगंज और आसपास के इलाकों में हालात बेकाबू होने पर प्रशासन ने बीएसएफ को तैनात किया है। पुलिस ने भीड़ को हटाने की कोशिश की तो उस पर पथराव हुआ, जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। लगभग 5000 प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक के पास एलसी गेट नंबर 42 और 43 के पास डेरा डाला हुआ है, जिससे रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित है।
मुख्यमंत्री बनर्जी की चेतावनी, भाजपा का हमला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे इस वक्फ कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगी, चाहे वह केंद्र द्वारा पारित ही क्यों न हो। दूसरी ओर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर इस कानून को राजनीतिक हथियार बनाकर लोगों को भड़का रही है।
विरोध के बदलते चेहरे: ‘बत्ती गुल आंदोलन’ से लेकर ‘कोलकाता लॉकडाउन’ तक
प्रदर्शनकारियों की रणनीतियों में अब बदलाव देखा जा रहा है। पहले सिर्फ काली पट्टियाँ बांधी गईं, फिर उकसावे भरे भाषणों का दौर चला। अब कोलकाता को लॉकडाउन करने की धमकियाँ दी जा रही हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से “बत्ती गुल आंदोलन” जारी रखने की योजना भी सामने आई है, जो विरोध के इस क्रम को और लंबा खींच सकती है।
बाकी देश शांत, बंगाल में विरोध जारी
जहां बाकी देश में वक्फ कानून के खिलाफ केवल नाममात्र के विरोध हुए हैं, वहीं पश्चिम बंगाल खासकर मुर्शिदाबाद और आसपास के जिलों में लगातार इस कानून के खिलाफ हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। इससे न सिर्फ रेलवे को आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है।

- मुर्शिदाबाद के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं और पथराव किया।
- न्यू फरक्का-अजीमगंज रेलखंड पूरी तरह बाधित; दो ट्रेनें रद्द, पांच ट्रेनों को डायवर्ट किया गया।
- लगभग 5000 प्रदर्शनकारी ट्रैक पर कब्जा किए बैठे, एलसी गेट नंबर 42 और 43 के पास भारी भीड़।
- स्थिति पर काबू पाने के लिए बीएसएफ की तैनाती की गई, पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कानून को राज्य में लागू न करने की बात कही, भाजपा ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया।