Tuesday, May 6, 2025
spot_img
Homeटॉप न्यूजभारत का बड़ा कूटनीतिक एक्शन: UNSC से लेकर दुनियाभर में संपर्क, पाकिस्तान...

भारत का बड़ा कूटनीतिक एक्शन: UNSC से लेकर दुनियाभर में संपर्क, पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आ रही है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अहम बैठक की। इसके बाद गृह सचिव की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय टीम ने पीएम से विशेष मुलाकात की। सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को नागरिक सुरक्षा से जुड़ी मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया है। स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को आपात स्थिति से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे। इन बैठकों का मकसद स्पष्ट था — देश की सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो और आतंकी हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले।

पुतिन से मोदी की बात

हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि पुतिन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत को आतंकवाद के खिलाफ हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। अब तक पीएम मोदी 16 देशों के प्रमुखों से संपर्क कर चुके हैं, जिससे साफ है कि भारत इस हमले को लेकर वैश्विक मंच पर बड़ा समर्थन जुटा रहा है।

गौरतलब है कि भारत ने UNSC के स्थायी सदस्यों में से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस से संपर्क कर लिया है, लेकिन चीन से अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी UNSC के 10 अस्थायी सदस्य देशों में से 9 से संपर्क कर चुके हैं, केवल पाकिस्तान को छोड़कर।

UNSC में बंद कमरे की बैठक

भारत-पाक तनाव के बीच सोमवार देर रात या मंगलवार तड़के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बंद कमरे में बैठक बुलाई गई है। यह बैठक पाकिस्तान के आग्रह पर हो रही है। हालांकि भारत के लिए इसका कोई विशेष कूटनीतिक महत्व नहीं माना जा रहा, लेकिन वैश्विक चिंता का स्तर जरूर बढ़ गया है। आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब दक्षिण एशिया पर टिकी हैं।

संसद की विशेष बैठक और चीनी राजदूत की मुलाकात

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सोमवार शाम को पाकिस्तान की संसद की विशेष बैठक बुलाई गई। वहीं राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से चीन के राजदूत की गोपनीय मुलाकात भी हुई। हालांकि चीन की ओर से इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन पाकिस्तान मीडिया में इसे शांति कायम रखने के आश्वासन के तौर पर पेश किया जा रहा है।

पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि वह दुनिया भर में अपने राजदूतों को भेजकर पहलगाम हमले पर अपना पक्ष रखेगी। यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान, भारत के सख्त रुख से चिंतित है और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने की कोशिश कर रहा है।

भारत-जापान रक्षा वार्ता

नई दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री नाकातानी सान के बीच हुई मुलाकात में भी आतंकवाद बड़ा मुद्दा रहा। भारत ने दो टूक कहा कि सीमा पार से आतंक फैलाना पाकिस्तान की सरकारी नीति का हिस्सा बन चुका है और पहलगाम जैसा हमला क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है।

जवाब में जापान के मंत्री ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में正 ठहराया नहीं जा सकता और जापान भारत के साथ है। उन्होंने आशा जताई कि भारत-पाक दोनों शांति और स्थिरता के लिए जिम्मेदारी से कदम उठाएंगे।

ईरानी विदेश मंत्री की इस्लामाबाद के बाद भारत आने की तैयारी

सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अघारची इस्लामाबाद पहुंचे और पाकिस्तानी विदेश मंत्री ईशाक दार से मुलाकात की। अघारची इसी सप्ताह गुरुवार को भारत यात्रा पर आने वाले हैं। ईरान के भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में यह मुलाकात तनाव कम करने की एक कूटनीतिक कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।

अन्य खबरें