गुजरात की राजधानी अहमदाबाद इन दिनों कांग्रेस की हलचलों का केंद्र बना हुआ है। 8-9 अप्रैल को हो रहे कांग्रेस के 84वें अधिवेशन की शुरुआत सोमवार को हुई। पहले दिन चार घंटे लंबी चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद, मंगलवार को मुख्य अधिवेशन का आयोजन साबरमती रिवरफ्रंट पर किया गया है।
इस कार्यक्रम में देशभर से 1700 से ज्यादा प्रतिनिधि जुटे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी मंच पर मौजूद हैं, हालांकि प्रियंका गांधी इस अहम कार्यक्रम से गायब रहीं।
‘सरकार ने बनाई EVM से जीत की तकनीक‘
मुख्य अधिवेशन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “सरकार ने ऐसी तकनीक बना ली है जिससे उन्हें फायदा हो और विपक्ष को नुकसान। इसलिए चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए।”
खड़गे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि “सरकार ने धोखे से 150 में से 138 सीटें जीत लीं, जो 90% सफलता दर्शाता है – यह सामान्य नहीं है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “चोर चाहे कितना भी होशियार हो, एक न एक दिन पकड़ा जाएगा।”
‘नेहरू की बनाई व्यवस्था को खत्म कर रहे मोदी’
अपने भाषण में खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा, “नेहरू जी ने देश के सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत नींव दी थी, लेकिन अब मोदी सरकार उन्हें निजी हाथों में बेच रही है।”
उन्होंने कहा कि मोदी केवल कांग्रेस को गाली देते हैं, जनता की बात नहीं करते। साथ ही आरोप लगाया कि “सरकार देश को अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले कर रही है।”
‘न्यायपथ’ थीम के साथ संगठन विस्तार का रोडमैप
अधिवेशन की थीम ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष’ रखी गई है। पार्टी ने इसे 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक मजबूती और रणनीतिक विस्तार की दिशा में अहम कदम बताया है।
इसके लिए खास तौर पर साबरमती रिवरफ्रंट पर एक VVIP डोम तैयार किया गया है, जहां सभी सत्र और विचार-विमर्श हो रहे हैं।
गुजरात से 2027 की तैयारी शुरू
इस अधिवेशन के ज़रिए कांग्रेस गुजरात में खोई हुई राजनीतिक ज़मीन को वापस हासिल करने की कोशिश में है। पार्टी नेतृत्व इसे न सिर्फ एक संगठनात्मक कार्यक्रम बल्कि आगामी चुनावी रणनीति की नींव मान रहा है।
खबर की बड़ी बातें
- कांग्रेस का 84वां अधिवेशन गुजरात के अहमदाबाद में 8-9 अप्रैल को आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से 1700+ प्रतिनिधि शामिल हुए।
- अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने EVM प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की।
- खड़गे ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों को उदाहरण बनाते हुए ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा “90% जीत संभव नहीं होती”।
- सोनिया गांधी और राहुल गांधी अधिवेशन में मौजूद रहे, लेकिन प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही।
- ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष’ थीम पर आधारित यह अधिवेशन 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के रोडमैप की शुरुआत माना जा रहा है।

