जोधपुर पुलिस ने नकली करंसी चलाने वाले एक सक्रिय गिरोह का खुलासा किया है। मंडोर कृषि उपज मंडी के पास किराए के एक कमरे में दो बदमाश हाईटेक उपकरणों से 500-500 रुपये के नकली नोट तैयार कर रहे थे। देर रात डीएसटी (ईस्ट) टीम ने दबिश देकर इन दोनों को गिरफ्तार किया और करीब 7.50 लाख रुपये के जाली नोट जब्त किए।
किराए के कमरे से नकली करंसी का जखीरा मिला
पकड़े गए बदमाशों की पहचान नागौर के श्रवण व्यास (28) और बाबूलाल प्रजापत (40) के रूप में हुई है। उनके कब्जे से नोट छापने के लिए इस्तेमाल हो रहे कलर प्रिंटर, स्कैनर, कटर, कंप्यूटर सिस्टम और पैकेट में भरे पेपर भी जब्त किए गए हैं। ये दोनों मंडोर मंडी परिसर स्थित एक दुकान के ऊपर किराए के कमरे में यह धंधा चला रहे थे।
2 लाख में 10 लाख के जाली नोट का ‘डील’
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह असली दो लाख रुपये लेकर बदले में 10 लाख रुपये के 500-500 के नकली नोट देता था। यह फर्जी करंसी पास के गांवों, कस्बों और बाजारों में खपाई जा रही थी। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है कि अब तक कितनी नकली करंसी बाजार में डाली जा चुकी है और कौन-कौन इस नेटवर्क से जुड़ा है।
सूचना के बाद साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से दबिश
डीसीपी (ईस्ट) आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मंडोर मंडी और आसपास के इलाकों में नकली नोटों की सूचना मिल रही थी। इस पर डीएसटी प्रभारी श्यामसिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसमें साइबर एक्सपर्ट्स भी शामिल थे। तकनीकी जांच के बाद पुलिस को मंडी परिसर में गतिविधियों के सुराग मिले।
बालसमंद घाटी में भी किराए का ठिकाना मिला
पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने बताया कि बालसमंद मगजी की घाटी क्षेत्र में भी उन्होंने एक किराए का घर ले रखा था। पुलिस टीम वहां भी गई और नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश जारी है। जांच में यह भी सामने आ रहा है कि अन्य लोग उनसे नकली नोट खरीदकर उन्हें बाजार में खपा रहे थे।

- जोधपुर की मंडोर मंडी में किराए के कमरे में चल रही नकली नोट छापने की फैक्ट्री का पुलिस ने भंडाफोड़ किया।
- पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया—श्रवण व्यास (28) और बाबूलाल प्रजापत (40), दोनों नागौर निवासी हैं।
- मौके से ₹7.50 लाख के 500-500 के नकली नोट, कलर प्रिंटर, स्कैनर, कंप्यूटर और अन्य सामग्री जब्त की गई।
- गिरफ्तार बदमाश ₹2 लाख के बदले ₹10 लाख की नकली करंसी लोगों को देते थे।
- पुलिस नेटवर्क की जांच कर रही है कि अब तक कितनी नकली करंसी बाजार में खपाई गई और किन-किन जगहों पर फैलाई गई।