हरियाणा में बेटियों की घटती संख्या को लेकर सरकार अब सीधे मैदान में उतर आई है। राज्य सरकार की बनाई स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उन गांवों की पहचान की है, जहां लिंगानुपात 700 से भी नीचे पहुंच गया है। ऐसे गांवों की संख्या 481 है, जिनमें से सबसे ज्यादा यानी 107 गांव सिर्फ अंबाला और यमुनानगर जिलों में हैं। हाल ही में STF का गठन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में किया गया था और अब इसकी फील्ड वर्किंग शुरू हो गई है।
गांवों में लगे जागरूकता शिविर
सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को तेज कर दिया है। 481 गांवों में जागरूकता शिविर लगाए गए हैं, ताकि लोगों को बताया जा सके कि लड़कियां बोझ नहीं हैं। 18 से 29 अप्रैल के बीच 1500 कुआं पूजन समारोह कराए गए हैं, जिनमें नवजात बेटियों के जन्म पर परिवारों को सम्मानित किया गया। ये सब महिला एवं बाल विकास विभाग की पहल पर हुआ है।
384 MTP सेंटरों का रजिस्ट्रेशन रद्द
प्रदेश में कुल 1500 एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) सेंटर हैं, जिनमें से 384 का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इन पर यह आरोप है कि ये भ्रूण लिंग जांच और अवैध गर्भपात में शामिल थे। इसके अलावा 30 और सेंटरों को नोटिस जारी किया गया है। गर्भवती महिलाओं पर खास निगरानी रखी जा रही है, खासतौर पर उन पर जिनके पहले से दो बेटियां हैं और अब एमटीपी करवाना चाह रही हैं।
हरियाणा के जिलों में 700 से कम लिंगानुपात वाले गांव
- अंबाला: 54
- मिवानी: 46
- चरखी दादरी: 14
- फरीदाबाद: 13
- फतेहाबाद: 09
- गुरुग्राम: 18
- हिसार: 07
- झज्जर: 20
- जींद: 13
- कैथल: 18
- करनाल: 36
- कुरुक्षेत्र: 36
- महेंद्रगढ़: 42
- पलवल: 06
- पंचकूला: 20
- पानीपत: 38
- रेवाड़ी: 02
- रोहतक: 15
- सिरसा: 02
- सोनीपत: 10
- यमुनानगर: 09
- नूंह: 06
लड़कियों की पहचान और ट्रैकिंग
सरकार ने अब तक 62,000 ऐसी गर्भवती महिलाओं की पहचान की है जिनके पहले से एक या अधिक बेटियां हैं। इन्हें हेल्पलाइन नंबर 104 के ज़रिए समझाया जा रहा है कि कन्या भ्रूण हत्या अपराध है और समाज को कमजोर बनाती है। इतना ही नहीं, बेटे के जन्म के बाद भी महिलाओं को फोन कॉल के जरिए ट्रैक किया जा रहा है कि कहीं लिंग चयन की साजिश तो नहीं रची गई।
आशा वर्कर्स को मिलेगा बोनस
सरकार ने आशा वर्कर्स को भी इस मुहिम में जोड़ा है। हर सफल कन्या जन्म पर संबंधित आशा को 1000 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्हें अब गर्भवती महिलाओं की ‘सहेली’ बनाकर हर जानकारी दी जाएगी और भ्रूण लिंग जांच रोकने में उनकी अहम भूमिका तय की गई है।

- हरियाणा के 481 गांवों में लड़कियों का लिंगानुपात 700 से नीचे पाया गया।
- अंबाला और यमुनानगर के 107 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
- 384 एमटीपी सेंटरों का रजिस्ट्रेशन रद्द और 30 को नोटिस जारी।
- 62,000 महिलाओं की पहचान, जिनके पहले से बेटियां हैं, उनको ट्रैक किया जा रहा है।
- बेटी के जन्म पर आशा वर्कर को 1000 रुपए मिलेंगे और गांवों में जागरूकता अभियान चल रहा है।