जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में शुक्रवार-शनिवार की रात पाकिस्तानी हमले में शहीद झुंझुनूं के जवान सुरेंद्र कुमार मोगा (35) की पार्थिव देह शनिवार सवेरे मंडावा पहुंची। जहां से उनकी तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इस तिरंगा यात्रा में हजारों ग्रामीण उमड़े हैं और अपने लाडले के अंतिम दर्शन कर रहे हैं। मंडावा से उनके गांव मेहरादासी तक करीब नौ किमी तक तिरंगा यात्रा पर लोगों ने पुष्प वर्षा की।
सुरेंद्रसिंह मोगा वायुसेना के मेडिकल विंग में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट पद पर तैनात थे। हमले के समय ड्यूटी पर थे। इस हमले में उनके तीन साथी घायल हो गए।
शहादत की सूचना सबसे पहले उनके साथियों ने सुबह 7:30 बजे सुरेंद्र के जीजा को दी। जैसे ही यह खबर गांव मेहरादासी पहुंची, वहां शोक की लहर दौड़ गई। रविवार दोपहर 12:30 बजे सुरेंद्र का पैतृक गांव मेहरादासी (मंडावा) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसकी गांव में तैयारियां चल रही हैं।

शहीद को अंतिम विदाई की तैयारियां जोरों पर
गांव में लोगों ने सुबह से ही अंतिम यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी थीं। युवाओं ने रास्तों की सफाई की, महिलाओं ने आंगन में दीप जलाए और चारों ओर देशभक्ति के गीत गूंजने लगे। गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने तिरंगे के साथ अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन की तैयारी कर रखी है।
9 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा
शहीद सुरेंद्र की पार्थिव देह मंडावा स्थित बिसाऊ चौराहे से उनके गांव मेहरादासी तक 9 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा के साथ लाई गई। इस यात्रा में डीजे, बाइक रैली, स्कूली छात्र, पूर्व सैनिक और सामाजिक संस्थाएं शामिल रहीं। यात्रा के जरिए जिले की जनता अपने इस वीर योद्धा को सलामी दी।
शहीद के अंतिम संस्कार में राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल होंगे।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, बेसुध बैठी है पत्नी, बिलख उठी बेटी
शहीद सुरेंद्र कुमार अपने पीछे पत्नी सीमा और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। बेटी वृतिका (8) और बेटा दक्ष (5) अभी इतने छोटे हैं कि उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा कि उनके पापा अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। बेटी वृतिका ने रोते हुए कहा, “मेरे पापा ने देश के लिए बहुत अच्छा काम किया है।”
पत्नी सीमा, जो 10 दिन पहले अपने दादा के निधन पर बच्चों के साथ मायके नवलगढ़ गई थीं, जब उन्हें शहादत की खबर दी गई, तो वे बेहोश हो गईं। उन्हें राजकीय अस्पताल, नवलगढ़ में भर्ती करवाना पड़ा। परिजनों के अनुसार, अभी तक सुरेंद्र की मां को भी शहादत की जानकारी नहीं दी गई है। उनकी तबीयत पहले से ही नाजुक है।
14 साल से सेवा में जुटे थे सुरेंद्र, पूरे जिले में छाया मातम
सुरेंद्र कुमार 14 वर्षों से भारतीय वायुसेना में सेवा दे रहे थे और अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। उनके पिता शिशुपाल सिंह CRPF से सेवानिवृत्त थे। उनका निधन हो चुका है। गांव से लेकर जिले भर में इस शहादत को लेकर गम का माहौल है। लोग अंतिम दर्शन के लिए मंडावा की ओर उमड़ रहे हैं। जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा और एसपी शरद चौधरी ने स्थिति का जायजा लिया और परिजनों को ढांढस बंधाया।