28 वर्षीय नरेंद्र कुमार ने माउंट अन्नपूर्णा जैसी कठिन और जोखिम भरी चोटी पर मात्र 12 दिनों में चढ़ाई कर इतिहास रच दिया। उन्होंने यह सफर 25 मार्च को शुरू किया और 7 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे अन्नपूर्णा शिखर पर भारत का तिरंगा लहराकर गौरवशाली उपलब्धि दर्ज की। यह चोटी समुद्र तल से 8,091 मीटर ऊंची है और पर्वतारोहण की दुनिया में सबसे खतरनाक मानी जाती है।
सीएम और नेताओं ने दी बधाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नरेंद्र को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने लिखा, “हरियाणा का यह लाल पूरे देश का गौरव बना है। अन्नपूर्णा चोटी पर तिरंगा फहराकर देश को गौरवान्वित किया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह सहित कई नेताओं ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर नरेंद्र को शुभकामनाएं दीं।
क्यों खतरनाक मानी जाती है माउंट अन्नपूर्णा
माउंट अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला में स्थित विश्व की दसवीं सबसे ऊंची चोटी है। इसके खड़े और बर्फीले ढलानों के चलते यहां एवलांच और बर्फीले तूफानों का खतरा बना रहता है। पर्वतारोहण के इतिहास में इस चोटी की सफलता दर सबसे कम मानी जाती है। इसकी कठिनाई के चलते कई अनुभवी पर्वतारोही भी जान गंवा चुके हैं।
पहले भी रच चुके हैं कई कीर्तिमान
नरेंद्र कुमार इससे पहले माउंट ल्होत्से (8,516 मीटर) को फतह कर चुके हैं, जो विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी है। उन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को महज 5 दिन में दो बार फतह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। 15 अगस्त 2021 को नरेंद्र ने हिमाचल की यूनम पीक पर 151 फीट लंबा तिरंगा लहराया था, जो आज़ादी के 75वें वर्ष के जश्न का अनोखा प्रतीक बना।

2019 में शुरू हुआ था पर्वतारोहण का सफर
नरेंद्र का पर्वतारोहण में प्रवेश 2019 में हुआ जब उन्होंने मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से बेसिक कोर्स किया। इसके बाद 2021 में उन्होंने हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, दार्जिलिंग से एडवांस कोर्स पूरा किया। आज वह देश के सबसे प्रेरणादायक पर्वतारोहियों में गिने जाते हैं।
पारिवारिक सहयोग बना ताकत
नरेंद्र का जन्म हिसार के गांव मिंगनी खेड़ा में हुआ। उनके पिता सुभाष चंद्र हरियाणा सरकार में आबकारी एवं कराधान विभाग से सेवानिवृत्त ईटीओ हैं। मां बसंती देवी गृहिणी हैं। नरेंद्र ने अपनी स्कूली शिक्षा गांव लुदास से और बीटेक गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार से किया। बचपन से ही उन्हें खेलों और रोमांच में रुचि थी। पर्वतारोहण की प्रेरणा उन्हें पिता से मिली और परिवार का सहयोग ही उनकी सफलता का आधार बना।
अगला लक्ष्य – दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियां
नरेंद्र अब अपनी नजर विश्व की सभी 14 सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने पर टिकाए हुए हैं। उनका सपना है कि वह हर चोटी पर तिरंगा फहराकर भारत का नाम ऊंचा करें।

- हिसार के नरेंद्र कुमार ने 12 दिनों में माउंट अन्नपूर्णा (8,091 मीटर) पर तिरंगा फहराया।
- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत कई नेताओं ने दी बधाई।
- माउंट अन्नपूर्णा दुनिया की सबसे खतरनाक चोटियों में गिनी जाती है।
- इससे पहले माउंट ल्होत्से, किलिमंजारो और यूनम पीक को भी फतह कर चुके हैं नरेंद्र।
- अगला लक्ष्य विश्व की 14 सबसे ऊंची चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराना है।